जनजातीय कला के संरक्षण एवं संवर्धन का माध्यम बनेगा ’बनफूल’ डिज़ाइन स्टूडियो“ - खराड़ी
उदयपुर । जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री श्री बाबूलाल खराड़ी गुरुवार को उदयपुर दौरे पर रहे। उन्होंने अशोक नगर स्थित माणिक्य लाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (टीआरआई) में ’बनफूल’ जनजाति डिजाइन स्टूडियो का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर केबिनेट मंत्री खराड़ी ने कहा कि ’बनफूल’ जनजाति डिजाइन स्टूडियो की स्थापना जनजाति कला को संरक्षण एवं संवर्धन किए जाने की दृष्टि से की गई है। यह स्टूडियो पारंपरिक जनजातीय कला और डिजाइन को मंच प्रदान करता है, साथ ही यह स्टूडियो पारंपरिक जनजाति कला से प्रेरित समकालीन परिधानों, घरेलू सामान, वस्तुओं को डिजाइन करने में सहयोगी बनेगा।
केबिनेट मंत्री खराड़ी ने कहा कि ’बनफूल’ जनजाति डिजिटल स्टूडियो जनजाति कलाकारों को सूचीबद्ध करते हुए उनके डिजाइन एवं कलाकृतियों को तैयार कर बाजार में उपलब्ध करवाएगा। यह स्टूडियो जनजातीय कला के समृद्ध भंडार को संग्रहित करने का कार्य करते हुए राजस्थान की विभिन्न पारंपरिक जनजातीय कला को संरक्षित किए जाने के माध्यम के रूप में स्थापित किया गया है। स्टूडियो पारंपरिक जनजातीय कला व नवाचारों को ’बनफूल’ ब्रांडिंग के माध्यम से बढ़ावा देने के लिए उपयोगी सिद्ध होगा। उक्त स्टूडियो राज्य के जनजातीय कलाकारों को अपनी कला का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करेगा जिससे उनकी कला को व्यावसायिक मंच भी मिल पाएगा।
संभागीय आयुक्त एवं टीएडी आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी ने बताया कि बनफूल जनजाति स्टूडियो माणिक्य लाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (टीआरआई) में स्थापित किया गया है जहां यह स्टूडियो आमजन हेतु प्रातः 11 से सांय 5 बजे तक खुला रहेगा। आमजन यहां जनजाति कलाकारों द्वारा बनाई गई कलाकृतियों एवं डिजाइन को देख एवं निर्धारित मूल्य पर क्रय भी कर सकेंगे। लोकार्पण के दौरान अतिरिक्त आयुक्त टीएडी ओपी जैन अतिरिक्त निदेशक प्रज्ञा सक्सेना, सहायक निदेशक बनवारी लाल कलाकार दिनेश उपाध्याय, उप विधि परामर्श आशु माहेश्वरी समेत जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग एवं टीआरआई के अधिकारी - कर्मचारी एवं जनजातीय कलाकारों समेत आमजन उपस्थित रहे।