देश में तेल की आवश्यकता और पूर्ति के अंतर को पाटने की सफल कोशिश कर रही है केंद्र सरकारः राज्यसभा सासंद चुन्नीलाल गरासिया

उदयपुर, । राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया ने राज्यसभा में तेल क्षेत्र विधेयक के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने देश में आवश्यकता और पूर्ति का जो एक बहुत बड़ा अंतर था, उसको पाटने की पूरी कोशिश की।

सदन में तेल क्षेत्र विधेयक के संबंध में हो रही परिचर्चा में बोलते हुए राज्यसभा सांसद श्री गरासिया ने कहा कि आयात में किस तरह से कमी लाते हुए देश में ही प्रोडक्ट को कैसे सरप्लस करें, जिससे कि विदेशी मुद्रा का बचाव कर सकें और आपूर्ति भी ठीक ढंग से हो इस पर विशेष जोर दिया जा रहा है। भारत की तेजी से बढती आर्थिक समृद्वि के कारण उर्जा की मांग बढ रही है। आने वाले समय में यह मांग दोेगुनी हो कर लगभग 1,123 मिलियन टन तेल समतुल्य हो जाएगी। भारत में तेल उत्पादन में पिछले कुछ सालों में तेजी से प्रगति की है। भारत लगभग 37 ठब्ड प्राकृतिक गैस का उत्पादन भी करता है। भारत में पेट्रोलियमद उत्पादों की खपत लगभग 230 एमएमटी प्रतिवर्ष होती है, जिसके और बढने के अनुमान है। कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस की मांग और घरेलू उत्पाद के बीच का अंतर आयात के माध्यम से पूरा किया जाता था। वर्तमान में भारत की आयात निर्भरता 85 प्रतिशत से अधिक हैं। इस प्रयोजन के लिए सरकार ने कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन को बढाने तथा ईधन की खरीद को स्थिरता लक्ष्य के अनुरूप बनाने के लिए ई्रंधन के स्त्रोतों में विविधता लाने के लिए कदम उठाए हैं। राज्यसभा सांसद ने कहा कि सरकार ने जैव ईधन के माध्यम से ऊर्जा की उपलब्धता बढाने की और कदम उठाए हैं जिसमें इस दिशा में एथेनॉल की खदीद जो 2014 में मात्र 38 करोड लीटर थी, वह बढकर 2024 में 720 करोड लीटर हो गई है। इससे हमको जो लाभ हुआ है, उसमें लगभग 1 लाख करोड रूपये की विदेशी मुद्रा को बचाया है और साथ ही साथ 180 लाख मीट्रिक टन कच्चे तेल के आयात का प्रतिस्थापन भी हुआ है। बायोगैस में लगभग प्रतिवर्ष 15 एमएमटी की वृद्वि होने की संभावना है। इससे गैस के परिवहन में कमी आएगी और स्थानीय स्तर पर उपभोक्ताओं को गैस मिल पाएगी।

राज्यसभा सांसद ने उठाया टेªनों के ठहराव का मुद्दा

उदयपुर, 6 दिसम्बर। राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया ने बिछीवाड़ा और ऋखभदेव रेलवे स्टेशनों पर टेªनों के ठहराव का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी और रेलवे मंत्री के प्रयासों से उदयपुर-असारवा (अहमदाबाद) तक रेल आमान परिवर्तन कर रेल मार्ग शुरू करवाया गया है। इस रेल मार्ग पर कई टेªन शुरू भी की गई जिसमें टेªन नम्बर 12981 जयपुर-असारवा, टेªन नम्बर 12982, असारवा-जयपुर, टेªन नम्बर 19821 कोटा-असारवा, टेªन नम्बर 19822 असारवा-कोटा भी प्रमुख हैं। इस रेल मार्ग पर दो प्रमुख रेलवे स्टेशन पडते हैं, पहला ऋषभदेव जो प्रसिद्व भगवान ऋषभदेव मंदिर जाने के लिए देश भर से यात्री आते है, दूसरा है बिछीवाडा जो गुजरात राज्य से सटा हुआ है और नेशनल हाइवे संख्या 48 इसी उपखण्ड से गुजरता है। प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में यात्रियों की आवाजाही रहती है। बिछीवाडा एक इन्डस्ट्रीयल एरिया भी है और गुजरात राज्य से प्रवेश करते ही पहला बडा रेलवे स्टेशन है, परन्तु ऋखभदेव और बिछीवाडा रेलवे स्टेशन पर टेªन संख्या 12981, 12982, 19821, 19822 का ठहराव नहीं दिया गया। इससे प्रतिदिन हजारों की संख्या में पर्यटक, मजदूर वर्ग, व्यापारी वर्ग, स्कुली छात्र-छात्राएं काफी परेशान रहते हैं। राज्यसभा सांसद ने उक्त टेªन का ठहराव ऋखभदेव एवं बिछीवाडा रेलवे स्टेशन पर अतिशीघ्र किए जाने की मांग रखी।

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