पूरे परिवार, खासकर बच्चों को लोक संस्कृति से रू-ब-रू करवाने का सुनहरा मौका
उदयपुर। पूरे एक साल के इंतजार के बाद शिल्पग्राम महोत्सव 21 दिसंबर से शुरू होगा और पूरे दस दिन लोक संस्कृति प्रेमियों को भरपूर मनोरंजन देगा। इस मर्तबा खूबी यह है कि यह कार्यक्रम विशुद्ध रूप से ‘लोक के रंग-लोक के संग’ यानी लोक संस्कृति की थीम पर आधारित होगा।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक फुरकान खान ने बताया कि यह थीम राजस्थान, खासकर मेवाड़ के लोककला प्रेमियों की पसंद को मद्देनजर रखते हुए इस दस दिवसीय कार्यक्रम को श्ुद्ध रूप से मूल स्वरूप लौटाने के लिए रखी गई है। इस बार यह कार्यक्रम कई तरह के नए सांस्कृतिक रंगों से भी सराबोर होगा। इसमें कई ऐसी लोकरंजक कला की कड़ियां जोड़ी गई हैं, जो हर मेलार्थी और कला प्रेमी के लिए आकर्षण का केंद्र होगी यानी स्टाल्स पर खरीदारी और विभिन्न प्रदेशों के व्यंजनों के जायके के साथ ही मनोरंजन और उसमें अपनी भागीदारी निभाने का मौका वाकई लोगों के लिए अनूठा होगा। इनमें ‘हिवड़ा री हूक’ हर महोत्सवार्थी के मन को सीधे छूएगा।
‘हिवड़ा री हूक’ की खासियत-
केंद्र के डायरेक्टर खान ने बताया कि इस बार ‘हिवड़ा री हूक’ कार्यक्रम हर कला और संगीत प्रेमी को अपनी प्रतिभा दिखाने का पूरा मौका देगा। इतना ही नहीं, यह प्रोग्राम किसी एेप पर या घर में लोक गीत या गाने गाकर अपने दिल की हूक यानी कसक मिटाने वाले हर उम्र के मेलार्थी को मंच प्रदान करेगा। यह ‘हूक’ प्रोग्राम शिल्पग्राम के बंजारा मंच पर महोत्सव के दूसरे दिन यानी 22 से 29 दिसंबर तक रोजाना दिन में 12 बजे से दोपहर 4 बजे तक चलेगा।
प्रश्नोत्तरी भी होगी-
निदेशक फुरकान खान ने बताया कि ऐसा नहीं कि ‘हिवड़ा री हूक’ में सिर्फ गाने-बजाने की प्रतिभा दिखाने का ही मौका मिलेगा। इसमें प्रस्तुतियों के बीच-बीच में सांस्कृतिक प्रश्नोत्तरी यानी क्विज भी हर आर्ट लवर को खूब लुभाएगा। इसमें सही जवाब देने वाले भारतीय संस्कृति के प्रेमियों को ‘शिल्पग्राम मोमेंटो’ से नवाजा जाएगा यानी मंच और मोमेंटो हसिल करने का सुनहरा अवसर हर आर्ट लवर को मिलेगा।