सिंथेटिक मांझे के इस्तेमाल और बिक्री पर रोक, सुबह-शाम नहीं होगी पतंगबाजी

उदयपुर । मकर संक्रांति पर नायलॉन या अन्य सिंथेटिक सामग्री से निर्मित मांझे का पतंगबाजी में उपयोग किए जाने से आमजन तथा पक्षियों के साथ होने वाली दुर्घटनाओं को मद्देनजर रखते हुए जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अरविन्द कुमार पोसवाल ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू की है।

जारी आदेश में कहा कि धातुओ के मिश्रण से निर्मित मांझे के उपयोग के दौरान दोपहिया वाहन चालकों तथा पक्षियों को अत्यधिक जान-माल का नुकसान होना संभाव्य है, साथ ही विद्युत सुचालक होने के कारण विद्युत तारों से सम्पर्क में आने पर विद्युत प्रवाह होने से पतंग उडाने वाले को भी नुकसान पहुंचना एवं विद्युत सप्लाई में बाधा उत्पन्न होना भी संभाव्य है। इस समस्या व खतरे के निवारण के लिए धातु निर्मित मांझा (पतंग उड़ाने के लिए पक्का धागा, नायलॉन/प्लास्टिक मांझा, चाईनीज मांझा जो सिंथेटिक/टोक्सीक मटेरियल यथा आयरन पाउडर, ग्लास पाउडर का बना हो) के उपयोग एवं विक्रय को निषेध किया जाता है। साथ ही पक्षी विचरण गतिविधियों के लिए सुबह 6 से 8 बजे तक तथा शाम को 5 से 7 बजे तक सभी प्रकार की पतंगबाजी को भी प्रतिबंधित किया जाता है। यह आदेश 9 जनवरी की मध्य रात्रि से लागू होकर 20 जनवरी 2025 की मध्य रात्रि तक प्रभावी रहेगा। प्रावधानों की अवहेलना या उल्लंघन किए जाने पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत कार्यवाही की जाएगी।

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