संस्कार जीवन का मूल आधार : शास्त्री

संस्कार जीवन का मूल आधार : शास्त्री
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उदयपुर। श्री दिगंबर जैन सांगानेर संस्थान और श्री दिगंबर जैन धर्म प्रभावना समिति के संयुक्त तत्वाधान में आचार्य विद्यासागर, सुधा सागर महाराज के मंगल आशीर्वाद से आयोजित सम्यक् ज्ञान शिक्षण शिविर मे तत्वज्ञान का हो रहा है धर्म ज्ञान की गंगा का रस पान हो रहा है।

शिविर प्रभारी सम्राट् शास्त्री ने बताया कि प्रतिदिन सभी शिविर स्थल पर धार्मिक संस्कारों के साथ बच्चो मे नैतिक और समाजिक संस्कारो का भी बीजारोपण किया जा रहा है। वर्तमान मे भटकती हुई युवा पीढ़ी को धर्म मे स्थापित करने का उपाय जैन संस्कार शिविर ही है। नेमिनाथ सेक्टर 3 मन्दिर जी मे श्री भक्तामर जी की कक्षा मे भैया महावीर जी ने बताया की भौतिकता की चकाचोंध मे बच्चे जैनत्व के संस्कार भूलते जा रहे है। सेक्टर 5 शांति नाथ मन्दिर जी मे दीपांक भैया ने बताया जैन कुलाचार तीन होते है नित्य देव दर्शन, रात्रि भोजन त्याग, पानी छान कर पीना, सेक्टर 9 के नवीन शांति नाथ जैन मन्दिर मे भैया लकी शास्त्री ने बताया की आत्म संसार मे धर्म ही दुखो से बचाने का एक मात्र उपाय है।

धर्म प्रभावना समिति के कुंथु कुमार गणपतोत ने बताया कि सभी शिविर में बच्चे बड़े सभी गर्मियो की छूट्टी का लाभ लेकर धर्मवान हो रहे है। महेंद्र टाया और जिनेन्द्र गांगावत ने बताया कि धर्म प्रभावना समिति के द्वारा आयोजित शिविरों में लोग भाग लेकर धम से जुडक़र सही दिशा में जीवन को गति प्रदान कर रहे है। शशिकांत शाह ने बताया कि सन्मति भवन में रोज बच्चे अभिषेक पूजा का लाभ ले रहे है।

सम्राट् शास्त्री ने बताया की यह शिविर मात्र उदयपुर मे ही नही बल्कि आस पास के अनेक ग्राम कानपुर, लकडवास, फतेहनगर, कून, निम्भाहैडा, लसाडिय़ा, आदि अनेक स्थलों पर आयोजित हो रहा है। शास्त्री जी ने बताया की वर्तमान मे इस प्रकार के संस्कार शिविरो की महती आवश्यकता है वर्ष मे तीन बार ऐसे शिवरो का आयोजन होना चाहिए। सभी मंदिरों में प्रात: और शाम को कक्षा संचालित हो रही है महिला पुरुष बच्चे सभी भाग लेकर संस्कार वान बन रहे है। रमेश वैद् ने कहा अभी भी जो बच्चे भाग नहीं ले पाया वो भी आज शाम तक अपना नाम लिखा कर भाग ले सकते है। इसमें अशोक अग्रवाल, दिनेश सोनी, राजेश बडज़ात्या, धनपाल जेतावत, मदन गंगवाल, राजेंद्र अखावत, श्याम जस्सी गोत, प्रमोद ठोलीया, भरत गांगावत आदि मौजूद रहे।

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