सम्यक ज्ञान शिक्षण शिविर में संस्कार के साथ पर्यावरण संरक्षण का संकल्प भी दिलाया

सम्यक ज्ञान शिक्षण शिविर में संस्कार के साथ पर्यावरण संरक्षण का संकल्प भी दिलाया
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उदयपुर। श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर एवं श्री दिगम्बर जैन धर्म प्रभावना समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सम्यक् ज्ञान शिक्षण शिविर के छ:ठे दिन में बच्चों को संस्कारों के साथ पर्यावरण सुरक्षा का पाठ भी पढ़ाया जा रहा है। शिविर प्रभारी सम्राट जैन शास्त्री ने बताया कि गुरुवार को प्रात : कालीन बेला में केशव नगर मंदिर की पाठशाला में सैकड़ों बच्चों को पर्यावरण प्रेमी अरविंद अजमेरा ने प्रकृति प्रेम और सुरक्षा का संकल्प दिलाया । सभी को टी-शर्ट वितरण किया जिस पर वृक्ष लगाओ जीवन बचाओ के नारे अंकित थे। धर्म प्रेमी कुंथु कुमार गणपतोत ने बताया कि जैन धर्म तो अनादि काल से एक वृक्ष के छोटे से पत्ते को भी व्यर्थ तोडऩे को पाप मानता है। साथ ही हरी घास पर भी चलने का निषेध करता है।

महेंद्र टाया ने सभी को अपने जीवन में एक एक वृक्ष लगाने का संकल्प दिलाया । सांगानेर के स्थानीय विद्वान विद्वान लक्की शास्त्री ने सभी मंदिरों में बच्चों को वृक्ष लगाने का संकल्प दिलाया और साथ ही राहुल बाकलीवाल ने कहा कि जैन धर्म हमेशा से पर्यावरण प्रेमी रहा है और हर मंदिर में दो-दो वृक्ष लगाने का नियम लेना चाहिए। शशिकांत शाह और जिनेन्द्र गांगावत ने बताया कि चारो तरफ धर्म की गंगा प्रवाहमान हो रही है। धार्मिक शिविर में बच्चें नमोकार, पांच इंद्रिय, चार कषाय, आदि का ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं। शिविर समापन के दिन जिनवाणी सजाओ प्रतियोगिता का परिणाम घोषित किया जायेगा। प्रथम द्वितीय तृतीय पुरस्कार के पुण्यार्जक ज्योति प्रकाश, चंद्र प्रकाश भोजन परिवार रहा।

सम्राट् शास्त्री ने बताया कि यह शिविर मात्र उदयपुर मे ही नही बल्कि आस पास के अनेक ग्राम कानपुर, लकड़वास, फतहनगर, कूण, निम्बाहेड़ा, लसाडिय़ा आदि अनेक स्थलों पर आयोजित हो रहा है। शास्त्री ने बताया कि वर्तमान मे इस प्रकार के संस्कार शिविरों की महती आवश्यकता है । सभी मंदिरों में प्रात: और शाम को कक्षा संचालित हो रही है महिला पुरुष बच्चे सभी भाग लेकर संस्कार वान बन रहे है।

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