बच्चों को धन से नहीं धर्म से जोड़ता है जैन संस्कार शिविर : सम्राट शास्त्री

उदयपुर। श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर एवं श्री दिगम्बर जैन धर्म प्रभावना समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सम्यक् ज्ञान शिक्षण शिविर में 7वें दिन सभी मंदिर में सामूहिक पूजन-पाठ प्रदीप की पुस्तिका के उच्चारण का अभ्यास कराया गया।
शिविर प्रभारी सम्राट शास्त्री ने बताया की सभी मंदिर में 7 दिनों से व्यवस्थित धार्मिक संस्कार बच्चों को प्रदान किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि बच्चों को धन से नहीं धर्म से जोड़ता है जैन संस्कार शिविर जिससे बच्चों में धर्म के प्रति आस्था बढ़े। भारत वर्षीय शिविर प्रभारी उत्तम चन्द पाटनी ने कहा कि सांगानेर संस्थान धर्म प्रभावना के लिए कटिबद्ध है । प्रति वर्ष सम्पूर्ण भारत देश के विभिन्न शहरों में पूज्य गुरुदेव सुधासागर महाराज की मंगल प्रेरणा से संपूर्ण शिविर नि:शुल्क रूप से आयोजित किये जा रहे है। जिसमें समस्त विद्वान सांगानेर संस्थान से उपलब्ध कराय जाते है जो समाज में धार्मिक संस्कारों का बीजारोपन करते हैं। सभी मंदिरों में प्रात: और शाम को कक्षा संचालित हो रही है महिला पुरुष बच्चे सभी भाग लेकर संस्कार वान बन रहे है।
धर्मप्रभावना समिति के कुंथु कुमार गणपतोत ने बताया कि इस शिविर का समापन समारोह रविवार 8 जून शाम 7.00 बजे नगर निगम स्थित सुखाडिय़ा रंग मंच पर आयोजित होगा। जिसमें सभी मन्दिरों से शिवरार्थि उपस्थित होंगे। विद्वान भैया ने आज अपनी कक्षा में चारो गतियों के दु:ख से निकलने का उपाय धर्म बताया संसार में हर एक प्राणी किसी न किसी रूप में दुखी है कोई तन दुखी कोई मन दुखी कोई धन दुखी और इन सब दुखों का निवारक एक मात्र धर्म हैं। महेंद्र टाया और प्रकाश अखावत ने सभी समाज के लोगों को अधिक से अधिक संख्या में आने का आह्वान किया।
शशिकांत शाह और जिनेन्द्र गांगावत ने बताया कि इस वर्ष मंच पर शताब्दी महोत्सव पर आचार्य शांति सागर महाराज के जीवन वृत के वैराग्य और समाधि प्रसंग पर मंचन किया जायेगा। नेमीचंद पटवारी ने बताया कि शिविर में लोगों का उत्साह बढ़ता ही जा रहा है। प्रतिदिन बच्चे अधिक संख्या में लाभ लेने आ रहे है। सम्राट् शास्त्री ने बताया कि यह शिविर मात्र उदयपुर में ही नहीं बल्कि आस पास के अनेक ग्राम कानपुर, लकड़वास, फतहनगर, कूण, निम्बाहेड़ा, लसाडिय़ा आदि अनेक स्थलों पर आयोजित हो रहा है।