विवेक रखना ही सही गणेश की पूजा : पुष्कर दास महाराज

उदयपुर । मंशापूर्ण गजानंद मंदिर परिसर, महाराणा प्रताप कॉलोनी, गवरी चौक, सेक्टर 13 में पुष्कर दास महाराज के द्वारा चल रही संगीतमय भागवत कथा में चौथे दिन कहा गणेश पूजा का मतलब हे विवेक। आज के समय इंसान दुखी हे तो विवेक नहीं होने के कारण । जो व्यक्ति विवेक रखेगा, सूक्ष्म दृष्टि रखेगा उसके घर रिद्धि सिद्धि के भंडार भरेंगे।
हमने किसी जन्म में पुण्य किए हे तभी आज कथा सत्संग में बैठे हैं। आत्म कल्याण के लिए सदगुरु की जरूरत है। ऋषि मुनियों ने भूखे, प्यासे बड़े संघर्ष के साथ ग्रंथों की रचना की। हमारे घर में रामायण, भागवत, गीता आदि ग्रन्थ होने चाहिए । जो हरि से जुड़े वो तर गए जो मोह,माया के नशे में रहे वो तो डूबे ही। संतों ने डोर डाली है पकड़ा तो हमें है । परमात्मा के लिए एक कदम हम बढ़ाएंगे तो एक कदम वो भी बढ़ाएगा। भक्त वही जो परमात्मा से जुड़ा रहे। कथा सुनने से मन का मेल साफ होता है। भागवत की कथा में इतने ऋषि मुनि महात्मा थे परंतु शुकदेव जी सिर्फ राजा परीक्षित के लिए आए। क्यों की कल्याण सिर्फ परीक्षित का करना था। आगे कहा धन, संपदा,प्रतिष्ठा आदि कुछ भी हमारा नहीं है सब प्रभु का दिया हुआ प्रसाद है। आजकल लोगों का तन कथा में रहता है पर मन नहीं। मन परमात्मा को देने की जरूरत है।
मनुष्य जनम अनमोल मिला है इसकी कदर करने की जरूरत है। मन को संसार से निकाल कर परमात्मा में लगाना ही तप कहलाता है। कथा सुनने से मन दुनिया से ऊपर उठता है । आगे भागवत के प्रियव्रत की कथा का वर्णन किया। बुधवार को कथा में किशन सिंह राठौड़,जगदीश मेनारिया,राम सिंह राव, सुनील चौबीसा, हिम्मत सिंह शक्तावत,मनोहर सिंह राठौड़ आदि उपस्थित रहें।