चौबीसी में सबसे ज्यादा मोक्ष सम्मेद शिखर तीर्थ से हुए : साध्वी जयदर्शिता

चौबीसी में सबसे ज्यादा मोक्ष सम्मेद शिखर तीर्थ से हुए : साध्वी जयदर्शिता
X

उदयपुर। तपागच्छ की उद्गम स्थली आयड़ जैन मंदिर में श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के तत्वावधान में कलापूर्ण सूरी समुदाय की साध्वी जयदर्शिता श्रीजी, जिनरसा श्रीजी, जिनदर्शिता श्रीजी व जिनमुद्रा श्रीजी महाराज आदि ठाणा की चातुर्मास संपादित हो रहा है।

महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि मंगलवार को आयड़ तीर्थ के आत्म वल्लभ सभागार में सुबह 7 बजे साध्वियों के सानिध्य में ज्ञान भक्ति एवं ज्ञान पूजा, अष्ट प्रकार की पूजा-अर्चना की गई। सभी श्रावक-श्राविकाओं ने जैन ग्रंथ की पूजा-अर्चना की।

नाहर ने बताया कि आयड़ तीर्थ में मंगलवार को तीन दिवसीय आयोजन को लेकर ज्वारा रोपण किया गया। जिसमें नन्ही-नन्ही बच्चियों द्वारा मिट्टी के कुंडों में ज्वार रोपण किया गया। नाहर ने बताया कि तीन दिवसीय आयोजन के तहत 13 सितंबर को पंचकल्याणक पूजा का आयोजन होगा उसके 14 सितंबर को 18 अभिषेक का आयोजन होगा तथा 15 सितम्बर को शांति स्नात्र महोत्सव का आयोजन होगा। शांति स्नात्र में 10 दिगपाल, 9 नवग्रह एवं पाटला पूजन, कुंभ स्थापना का आयोजन होगा। आयोजन को लेकर तैयारी जोरों पर है।

मंगलवार को आयड़ तीर्थ पर साध्वी जयदर्शिता श्रीजी ने कहा कि अनादि अनन्त काल की अपेक्षा से श्री शत्रुंजय तीर्थ की महिमा सर्वाधिक है मगर इस चौबीसी के काल की अपेक्षा से देखा जाए तो शत्रुंजय तीर्थ से भी अधिक मोक्ष गमन सम्मेद शिखर तीर्थ पर से हुआ है। यहां इकतीस टूक विद्यामान है इस पर्वत की कंकर-कंकर पर से असंख्यक जीव मोक्ष में गए है। इस चौबीसी में सम्मेद शिखर तीर्थ की इक्कीस उद्धार हुए है।

इस अवसर पर कुलदीप नाहर, भोपाल सिंह नाहर, अशोक जैन, संजय खाब्या, भोपाल सिंह परमार, सतीश कच्छारा, चतर सिंह पामेचा, राजेन्द्र जवेरिया, अंकुर मुर्डिया, पिन्टू चौधरी, हर्ष खाब्या, गजेन्द्र खाब्या, नरेन्द्र सिरोया, राजू पंजाबी, रमेश मारू, सुनील पारख, पारस पोखरना, राजेन्द्र जवेरिया, प्रकाश नागौरी, दिनेश बापना, अभय नलवाया, कैलाश मुर्डिया, गोवर्धन सिंह बोल्या, दिनेश भंडारी, रविन्द्र बापना, चिमनलाल गांधी, प्रद्योत महात्मा, रमेश सिरोया, कुलदीप मेहता आदि मौजूद रहे।

Tags

Next Story