उपलब्ध संसाधनों के समुचित उपयोग से ही आर्थिक सुदृढ़ता

उपलब्ध संसाधनों के समुचित उपयोग से ही आर्थिक सुदृढ़ता
X


उदयपुर हलचल । किसी भी राज्य के सर्वांगीण एवं आर्थिक सुदृढ़ता के लिए उस राज्य में उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग किया जाना अत्यधिक आवश्यक है। राजस्थान में संसाधनों के रूप में उन्नत पशुधन बहुतायात उपलब्ध है। प्रदेश में पशुधन का घनत्व 166 प्रति वर्ग किमी. है। आवश्यकता है उपलब्ध उन्नत पशुधन का समुचित उपयोग करते हुए आमजन अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करे। यह संबोधन पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान के उपनिदेशक डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने प्राकृतिक संसाधन एवं पशुधन विषयक संगोष्ठी में दिये।

डॉ. छंगाणी ने बताया कि राज्य की भौगोलिक एवं जलवायु परिस्थितियों को देखते हुए इस क्षेत्र में पशुपालन व्यवसाय से आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के अत्यधिक अवसर उपलब्ध है। वर्तमान में राज्य में कुल 5.68 करोड़ पशुधन है, जो कि भारत के कुल पशुधन का 10.60 प्रतिशत है। पशुधन एवं जनसंख्या का अनुपात 1.0ः0.83 है। डॉ. छंगाणी ने बताया कि राज्य के युवाओं को पशुपालन व्यवसाय के अनेकों विकल्पों को चुनौती के रूप में स्वीकार कर स्वरोजगार की दृष्टि से इसे अपनाकर आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करनी चाहिए। संस्थान की वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. पदमा मील ने विभागीय कार्यक्रम योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि उपलब्ध पशुधन का उचित पशु प्रबंधन करने एवं कार्यक्रम योजनओं को कियान्वित करने से समुचित लाभ अर्जित किया जा सकता है। संस्थान के वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. ओमप्रकाश साहू ने बताया कि पशुपालन द्वारा गोबर एवं मूत्र से जैविक खाद एवं बायोगैस बनाकर भी इस व्यवसाय से अधिक मुनाफा अर्जित किया जा सकता है। पशुपालन से मिलने वाले प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष लाभको गंभीरता से लेना चाहिए। इस अवसर पर संस्थान के अधिकारी, कर्मचारी एवं पशुपालन डिप्लोमा विद्यार्थी भी उपस्थित रहे।

Tags

Next Story