गमेर बाग धाम में क्षुल्लक 105 सुप्रभात सागर महाराज के केश लोचन 1 को

गमेर बाग धाम में क्षुल्लक 105 सुप्रभात सागर महाराज के केश लोचन 1 को
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उदयपुर। गोवर्धन विलास हिरण मगरी सेक्टर 14 स्थित गमेर बाग धाम में श्री दिगम्बर जैन दशा नागदा समाज चेरिटेबल ट्रस्ट एवं सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में गणधराचार्य कुंथुसागर गुरुदेव के शिष्य बालयोगी युवा संत मुनि श्रुतधरनंदी महाराज, मुनि उत्कर्ष कीर्ति महाराज, क्षुलक सुप्रभात सागर महाराज के सान्निध्य में प्रतिदिन वर्षावास के आयोजन की धूम जारी है।

चातुर्मास समिति के महावीर देवड़ा व पुष्कर जैन भदावत ने बताया कि क्षुल्लक 105 सुप्रभात सागर महाराज के केश लोचन का आयोजन रविवार 1 सितम्बर सुबह 8 बजे को गमेर बाग में संपन्न होगा। धर्म लाभ लेकर अपने जीवन को सफल बनावें। शनिवार को बालयोगी युवा संत मुनि श्रुतधरनंदी महाराज के सान्निध्य में श्रावक-श्राविकाओं ने गमेर बाग धाम में बिराजित मूलनायक भगवान की नित्य नियम पूजा-अर्चना की। उसके बाद पंचामृत अभिषेक एवं शांतिधारा की। वहीं कई श्रावक-श्राविकाओं ने मुनि संघ से आशीर्वाद लिया।

चातुर्मास समिति के दिनेश वेलावत, कमलेश वेलावत ने बताया कि शनिवार को मुनिश्री का पाद प्रक्षालन, दीप प्रज्जवलन, धर्मसभा के पूर्व शंतिधारा, अभिषेक, शास्त्र भेंट, चित्र अनावरण एवं दीप प्रज्वलन जैसे मांगलिक आयोजन हुए। शाम को सभी श्रावक-श्राविकाओं ने मुनि संघ की आरती की। बालयोगी युवा संत मुनि श्रुतधरनंदी महाराज के सान्निध्य में गमेर बाग धाम में श्रावक श्राविकाओं ने संगीतमयी भक्तिभाव के साथ भक्ति नृत्य किये और शारीरिक रोग, मन शोक, पीड़ा, गृह क्लेश निवारण, नवग्रह गृह सुख शांति समृद्धि धन, व्यापार लाभदायक ऋषि मुनियों की आराधना की।

सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत, महामंत्री सुरेश पद्मावत व चातुर्मास समिति के विजयलाल वेलावत व हेमेन्द्र वेलावत ने संयुक्त रूप से बताया कि इस दौरान आयोजित धर्मसभा में बालयोगी युवा संत श्रुतधरनंदी महाराज ने कहा कि जीवन में आधा दु:ख गलत लोगो से उम्मीद रखने से आता है और बाकी का आधा दु:ख सच्चे लोगों पर शक करने से आता है। समस्या आने पर न्याय नहीं समाधान होना चाहिए क्योंकि न्याय में एक घर दीप जलते है और दुसरे के घर अंधेरा होता है।मगर समाधान में दोनो के घर दीप जलते है । किसी को धोखा देकर ये मत सोचो की वो कितना बेवकूफ है , ये सोचो की उसे तुम पर कितना भरोसा था। एक आप मेरे अनुसार हो और दुसरा मेरी सोच मेरे अनुसार हो, दोनो मै से कोई भी हो मै खुश रहुगा, जब मेरी सोच मेरे अनुसार नही चल रही है, मै चाहुगा कि आप मेरे अनुसार हो अब अगर आप मेरे अनुसार नही हो तो मै चाहता हु मेरी सोच मेरे अनुसार हो दोनो मे से एक को तो करना ही पड़ेगा अगर खुश रहना हेै तो गाठों को खत्म करना है तो। जिन्दगी गमले के पौधे की तरह मत बनाओ की थोड़ी सी प्रतिकुलता की धूप लगी और मुरझा जाए, जिन्दगी को जंगल के पेड़ की तरह बनाओ जो हर परिस्थिति में भी मस्ती से झुमता रहे। कार्यक्रम का संचालन पुष्कर जैन भदावत ने किया। इस इस दौरान सकल जैन समाज के सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रहे।

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