जिला कलक्टर ने किया देवास-3 एवं 4 बांध परियोजना के पुनर्वास स्थल का निरीक्षण

उदयपुर, । उदयपुर शहर सहित आसपास के क्षेत्र की भावी पेयजल आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार की ओर से स्वीकृत देवास - 3 एवं देवास - 4 बांध परियोजना की धरातल पर क्रियान्विति को लेकर सरकार और प्रशासन सक्रिय हैं। इसी कड़ी में परियोजना के अंतर्गत डूब क्षेत्र में आने वाले परिवारों के पुनर्वास हेतु गांव मोखी गोगुन्दा में आरक्षित की गई आर एंड आर ( रिसेटलमेंट एण्ड रिहेबिलिटेशन) भूमि का
मंगलवार को जिला कलक्टर नमित मेहता ने स्थल निरीक्षण किया। परियोजना के तहत कुल 7 गांवों के लगभग 394 प्रभावित परिवारों को बसाया जाना प्रस्तावित है, जो देवास - 3 एवं देवास - 4 बांध की जलभराव सीमा में आ रहे हैं।
जिला कलक्टर श्री मेहता मंगलवार देर शाम गोगुन्दा क्षेत्र के मोखी गांव पहुंचे। वहां आरक्षित भूमि का मौका मुआयना किया। साथ ही प्रस्तावित पुनर्वास योजना एवं ले-आउट नक्शों पर विस्तृत चर्चा की। प्रभावित परिवारों को बेहतर आवासीय सुविधा, सड़क, पेयजल, विद्युत, नाली, सामुदायिक भवन, विद्यालय एवं अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के संबंध में दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावितों को यथासंभव समीपवर्ती स्थल पर ही पुनर्वासित किए जाने की संभावनाओं पर काम करने, हितधारकों को विश्वास में लेकर कार्य करने तथा पुनर्वास को और अधिक सुव्यवस्थित एवं जनहितकारी बनाने के लिए जल संसाधन विभाग एवं राजस्व विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रभावित परिवारों की मांगों को ध्यान में रखते हुए योजना में आवश्यक सुधार किए जाएं, ताकि पुनर्वास स्थल पर रहने वालों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और वे सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सकें।
इस अवसर पर भूमि अर्जन अधिकारी एवं गोगुन्दा एसडीएम शुभम भैसारे, जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता मनोज जैन, अधिशासी अभियंता बीरबल डूडी, तहसीलदार प्रवीण सैनी सहित संबंधित विभागों के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों को निर्धारित समय-सीमा में पुनर्वास योजना को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए गए।
