जैन श्वेताम्बर संघ के पर्युषण महापर्व 31 अगस्त से, तैयारियों को दिया अन्तिम रूप

जैन श्वेताम्बर संघ के पर्युषण महापर्व 31 अगस्त से, तैयारियों को दिया अन्तिम रूप
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उदयपुर। श्री जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक संघ के आठ दिवीय पर्युषण महापर्व 31 अगस्त शनिवार से प्रारंभ होंगे। श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि आठ दिवीय पर्युषण महापर्व को लेकर श्वेताम्बर संघों द्वारा जिनालयों में साज-सजावट तथा आठ दिन तक होने वाली धार्मिक क्रियाओं को लेकर तैयारियों को अन्तिम रूप दिया जा रहा है। उदयपुर सहित संभाग भर में विभिन्न संघों द्वारा पर्युषण पर्व के तहत विविध धार्मिक क्रियाएं धूमधाम के साथ सम्पादित की जाएगी। जिले भर में भी विभिन्न संघों द्वारा पर्युषण पर्व को लेकर तैयारियो को अन्तिम रूप दिया जा रहा है। नाहर ने बताया कि श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के तत्तवावधान में तपोगच्छ की उद्गम स्थली आयड़ तीर्थ में रामचन्द्र सुरिश्वर महाराज के समुदाय के पट्टधर, गीतार्थ प्रवर, प्रवचनप्रभावक आचार्य हितवर्धन सुरिश्वर आदि ठाणा के सान्निध्य में आठ दिन तक सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं तप की आराधना करेंगें। उन्होने बताया कि पहले दिन संसारिक का पांच कर्तव्य, साधर्मिक वात्सल्य, अमारी परिवर्तन, अष्ठम तप, चैत्य परिपाठी, क्षमायाचना तीन दिन कल्प सुत्र का वाचन होगा। आखरी दिन बारसा सूत्र वाचन व सामूहिक क्षमायाचना का आयोजन होगा।

चातुर्मास समिति के अशोक जैन व प्रकाश नागोरी ने बताया कि गुरुवार को आयोजित धर्मसभा में आचार्य हितवर्धन सुरिश्वर ने जैन महाभारत पर आधारित प्रवचन में बताया कि पुण्य के उदय से सुख मिलता है और पाप के उदय से दु:ख मिलता है यह सत्य ही है मगन सुख या दु:ख एकांत से मनुष्य के लिए फायदेमंद या विनाशकारी एवं दु:ख के समय सहिष्णुता का होना जरूरी है। विवेक के अभाव में सुख भी हानिकारी है और सहिष्णुता के होते हुए दु:ख भी फायदेमंद है।

चातुर्मास के दौरान प्रतिदिन सुबह 9.30 बजे आचार्य हितवर्धन सुरश्वर द्वारा जैन महाभारत पर रोचक प्रवचन हो रहे है। इस अवसर पर कुलदीप नाहर, अशोक जैन, प्रकाश नागोरी, सतीस कच्छारा, राजेन्द्र जवेरिया, चतर सिंह पामेचा, चन्द्र सिंह बोल्या, हिम्मत मुर्डिया, कैलाश मुर्डिया, श्याम हरकावत, भोपाल सिंह नाहर, अशोक धुपिया, गोवर्धन सिंह बोल्या आदि मौजूद रहे।

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