आयड़ जैन तीर्थ में नवपद ओली के 110 तपस्वियों का हुआ सामूहिक पारणा एवं बहुमान

आयड़ जैन तीर्थ में नवपद ओली के 110 तपस्वियों का हुआ सामूहिक पारणा एवं बहुमान
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उदयपुर । तपागच्छ की उद्गम स्थली आयड़ जैन मंदिर में श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के तत्तवावधान में कला पूर्ण सूरी समुदाय की साध्वी जयदर्शिता , जिनरसा , जिनदर्शिता व जिनमुद्रा महाराज आदि ठाणा की निश्रा में बुधवार को नव पद ओली के तपस्विायों का सामूहिक महापारणा एवं सम्मान समारोह आयोजित हुआ।

महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि नवपद ओली में हुए विशेष पूजा-अर्चना के तहत सभी 110 तपस्वियों का सामूहिक पारणा एवं बहुमान किया गया। आयबिल नवपद ओली के आराधकों का पारणा स्व. मनोहर लाल, स्व. ललित की स्मृति में सौरमबाई, विमला, अभिषेक-रूचि, अखिलेश-नितिका हरिधी, गर्वित, रिद्धवी मेहता (ड्योढ़ीवाला) परिवार ने किया। इस दौरान महासभा की ओर से तपस्वियों का बहुमान किया गया।

साध्वी जयदर्शिता ने अपने प्रवचन में तप की महिमा को बताते हुए कहा कि तप सभी कठिन कर्मों का नष्ट करने वाली औषधि का रूप है। तप के माध्यम से व्यक्ति सार को जीतने वाला बन सकता है। इस कारण आयबिल तप सर्वोत्तम तप है। इसमें नि: स्वार्थता जैसे गुण समाहित है। आत्मा तपस्या के मार्ग से आगे निकल जाती है। पाल एवं महासती भयणा सुंदरी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला। श्रावक-श्राविकाओं के तप की अनुमोदना की।

इस अवसर पर कुलदीप नाहर, संजय खाब्या, भोपाल सिंह नाहर, अशोक जैन, प्रदीप सिरोया अंकुर मुर्डिया, पिन्टू चौधरी, हर्ष खाब्या, गजेन्द्र खाब्या, नरेन्द्र सिरोया, राजू पंजाबी, रमेश मारू, सुनील पारख, पारस पोखरना, राजेन्द्र जवेरिया, प्रकाश नागौरी, दिनेश बापना, भोपाल सिंह परमार, सतीश कच्छारा, चतर सिंह पामेचा, राजेन्द्र जवेरिया, अभय नलवाया, कैलाश मुर्डिया, गोवर्धन सिंह बोल्या, दिनेश भंडारी, रविन्द्र बापना, चिमनलाल गांधी, प्रद्योत महात्मा, रमेश सिरोया, कुलदीप मेहता आदि मौजूद रहे।

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