दूसरी वर्षगांठ पर राजस्थान सरकार की उपलब्धियां: महिलाएं और छात्राएं बनीं लाभार्थी

जयपुर/उदयपुर, । मुख्यमंत्री भजनलाल सरकार के विकसित राजस्थान के विजन में आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त महिलाओं का अहम स्थान है। राज्य सरकार का संकल्प है कि प्रदेश की महिलाएं सशक्त और आत्मनिर्भर बनकर देश और प्रदेश के विकास में भागीदार बनें। इसी संकल्प को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ते हुए गत दो वर्षों में बच्चियों और महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षित वातावरण देने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर नई योजनाएं लागू की गई हैं। साथ ही इन योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए भी गंभीर प्रयास किये गए हैं, जिससे इनका लाभ हर उम्र और वर्ग की महिलाओं को मिलना सुनिश्चित हुआ है। प्रदेश में महिलाएं लखपति दीदी, मुख्यमंत्री नारी शक्ति प्रोत्साहन योजना, लाड़ो प्रोत्साहन योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, मातृ वंदना योजना, मुख्यमंत्री मातृत्व पोषण योजना, मुख्यमंत्री नारी शक्ति प्रशिक्षण एवं कौशल संवर्धन योजना और कालीबाई भील निःशुल्क स्कूटी योजना जैसी अनेकों महिला कल्याण से जुड़ी योजनाओं का लाभ लेकर सशक्त नारी, सशक्त समाज की अवधारणा को साकार कर रही हैं।
’रसोई गैस पर मिली 867 करोड़ रूपये की सब्सिडी’
मुख्यमंत्री रसोई गैस सब्सिडी योजना 1 जनवरी 2024 को शुरू की गई। इस योजना का दायरा बढ़ाते हुए राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के पात्र परिवारों को भी शामिल किया गया है। पूर्व में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के चिह्नित लाभार्थियों एवं प्रदेश के बीपीएल परिवारों को ही इस योजना का लाभ प्रदान किया जा था। योजना के तहत पात्र परिवारों को मात्र 450 रूपये में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया जा रहा है। अब तक 4.82 करोड़ गैस सिलेंडर रिफिलिंग कर लाभार्थियों को 867 करोड़ रूपये की सब्सिडी दी जा चुकी है। इस योजना ने महिलाओं को कोयले और लकड़ी के धुएं से मुक्ति दिलाकर स्वास्थ्य के जोखिम को कम किया है।
’4.14 लाख स्कूली छात्राओं को 181 करोड़ रूपये की आर्थिक सहायता’
राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की बालिकाओं को शिक्षा के अवसर सुलभ कराने के लिए शरूआती शिक्षा से उच्च शिक्षा तक अनेक प्रोत्साहन योजनाएं चलाई जा रही हैं। स्कूली छात्राओं को आर्थिक संबल के लिए 4.14 लाख बालिकाओं को 181 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। कृषि और कृषि से जुड़े क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से महिलाओं को कृषि शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस कड़ी में राज्य सरकार द्वारा कृषि संकाय में अध्ययनरत 58 हजार 397 छात्राओं को लगभग 103 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है। राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी छात्राओं को 10.51 लाख साइकिलें और 39,586 स्कूटियाँ वितरित की गई हैं, जिससे उच्चतर शिक्षा तक उनकी पहुँच आसान हो सकी है।
’19.24 लाख महिला पेंशनर्स को मिली आर्थिक सुरक्षा’
राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा एवं सम्मान प्रदान करने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत प्रदेश की बीपीएल एवं आर्थिक रूप से कमजोर 24 हजार 686 कन्याओं के विवाह के लिए 96.24 करोड़ की राशि प्रदान की गई है। इसी प्रकार एकल नारी सम्मान पेंशन योजना के तहत 6,234 करोड़ रूपये व्यय कर 19.24 लाख महिला पेंशनर्स की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।
प्रदेश में संचालित लाडो प्रोत्साहन योजना ने बेटियों के जन्म से लेकर युवावस्था तक उनकी सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा को मजबूत किया है। योजना के तहत परिवार को बेटी के जन्म पर 1.50 लाख रूपये की राशि कुल 7 किश्तों दी जा रही है। प्रदेश की 4.60 लाख बालिकाओं को योजना की प्रथम किश्त दी जा चुकी है।
’आत्मनिर्भरता की राह पर बढ़ी 12.06 लाख लखपति दीदी’
प्रदेश की महिलाओं को स्वरोजगार प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से राजीविका मिशन के तहत लखपति दीदी योजना का विस्तार किया गया है। योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को उद्यमिता से जोड़ने के लिए 1 लाख रुपये तक का लोन 1.5 प्रतिशत ब्याज पर दिया जा रहा है। अब तक 19.45 लाख महिलाओं को प्रशिक्षित कर 12.06 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाया गया है। राजस्थान महिला निधि के माध्यम से भी 24 हजार 120 महिलाओं को 166 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है।
राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना के तहत करीब 216 करोड़ के 2 हजार 418 ऋण स्वीकृत किये गए हैं। इसी प्रकार प्रदेश के 1.37 लाख स्वयं सहायता समूहों को लगभग 669 करोड़ रूपये की आजीविका संवर्धन राशि एवं 2.21 लाख स्वयं सहायता समूहों को लगभग 4992 करोड़ के ऋण से लाभान्वित किया गया है।
’मुख्यमंत्री मातृत्व पोषण योजना में 5 लाख महिलाओं को 170 करोड़ रुपये की सहायता’
महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य और पोषण को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 9.92 लाख गर्भवती महिलाओं को कुल 531 करोड़ की सहायता राशि प्रदान की गई है, जिससे गर्भावस्था के दौरान आवश्यक पोषण एवं देखभाल सुनिश्चित हो सके। इसी प्रकार मुख्यमंत्री मातृत्व पोषण योजना के अंतर्गत 5.09 लाख महिलाओं को लगभग 169.80 करोड़ की सहायता राशि प्रदान की गई है। किशोरियों और महिलाओं की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए 1.22 करोड़ महिलाओं एवं बालिकाओं को प्रतिमाह 12 सेनेटरी नैपकिन निःशुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री की पहल पर प्रदेश में मा वाउचर योजना प्रारम्भ की गई है। गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य सुरक्षा तथा शिशु एवं मातृ मृत्यु दर कम करने की दिशा में यह एक अभूतपूर्व पहल है। योजना के तहत प्रदेश की गर्भवती महिलाओं को उनकी दूसरी व तीसरी तिमाही के दौरान निजी तथा सरकारी केन्द्रों पर निःशुल्क सोनाग्राफी की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। अब तक योजना के माध्यम से 2.26 लाख सोनोग्राफी की जा चुकी हैं।
