जयकारों के साथ कुलदेवी मां अन्नपूर्णा के द्वार पहुंचा औदिच्य समाज के 160 यात्रियों का जत्था

उदयपुर । श्री लक्ष्मीनारायण युवा परिषद, पाणुन्द एवं श्री परशुराम गरबा मंडल उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में परिषद का वार्षिक अधिवेशन, धार्मिक व सामाजिक सेवा का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया गया। संस्थापक हीरालाल गोकलावत व निवर्तमान अध्यक्ष झमकलाल धूलावत ने बताया कि ठाकुरजी के अन्नकूट अवसर पर गौलक रखने वाली माता-बहनों को नि:शुल्क गुजरात स्थित प्रमुख तीर्थस्थलों की यात्रा करवाई गई। तीन बसों के माध्यम से 160 यात्रियों का जत्था गुजरात दर्शन के लिए रात्रि में उदयपुर से निकला जो सुबह 5 बजे सिद्धपुर पाटन गुजरात पहुंचा जहां पर समस्त औदिच्य समाज की कुलदेवी अन्नपूर्णा माताजी मंदिर में दर्शन लाभ लिया। उसके बाद महाप्रसाद का आयोजन हुआ। सिद्धपुर पाटन में औदिच्य समाज के इतिहास के बारे में जानकारी प्रदान की। पूर्व अध्यक्ष बंशीलाल पतावत, नारायण हीरावत व गणेशलाल डूंगावत ने संयुक्त रूप से बताया कि इस यात्रा के अंतर्गत महिलाओं को सिद्धपुर, पाटन स्थित अन्नपूर्णा माताजी मंदिर तथा विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ अम्बाजी मंदिर, गब्बर पहाड़ के दर्शन कराए गए। जहाँ माता-बहनों ने श्रद्धा एवं आस्था के साथ दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। पूरे यात्रा क्रम में महिलाओं में उत्साह, अनुशासन एवं भक्ति का विशेष वातावरण देखने को मिला। यात्रा के दौरान श्रद्धालु महिलाओं के लिए आवागमन, भोजन, ठहराव एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं आयोजक समितियों द्वारा नि:शुल्क की गईं।
- वार्षिक अधिवेशन में रखी गईं आगामी योजनाएं
इसी अवसर पर परिषद का वार्षिक अधिवेशन भी आयोजित हुआ। संस्थापक हीरालाल गोकलावत ने आगामी वर्ष में प्रस्तावित धार्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की। कोषाध्यक्ष डालचंद बोरीवाला एवं मांगीलाल पतावत ने वर्षभर का आय-व्यय विवरण सदन के समक्ष रखा। भोपाजी गणेशलाल औदिच्य ईडाणा ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य समाज में महिलाओं के सम्मान को बढ़ावा देना तथा धार्मिक परंपराओं का संरक्षण करना है। श्रद्धालु महिलाओं ने आयोजन की मुक्तकंठ से सराहना करते हुए आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त किया। समाज में धार्मिक परंपराओं के संरक्षण एवं महिलाओं के सम्मान को ध्यान में रखते हुए यह यात्रा आयोजित की गई। यात्रा के दौरान महिलाओं में विशेष उत्साह एवं श्रद्धा का माहौल देखने को मिला।
- औदिच्य समाज के इतिहास की दी जानकारी
सिद्धपुर प्रवास के दौरान श्रद्धालुओं को औदिच्य समाज के गौरवशाली इतिहास एवं धार्मिक परंपराओं की जानकारी भी दी गई। इसके बाद यात्रा दल विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ अंबाजी मंदिर पहुँचा, जहाँ सभी महिलाओं ने विधिवत दर्शन किए। पूर्व अध्यक्ष बंशीलाल पतावत, नारायण हीरावत एवं गणेशलाल डूंगावत ने संयुक्त रूप से बताया कि यात्रा के दौरान आवागमन, भोजन, ठहराव एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं आयोजक समितियों द्वारा पूर्णत: नि:शुल्क की गईं। यात्रा के दौरान महिलाओं में विशेष उत्साह, श्रद्धा एवं अनुशासन देखने को मिला।
इस अवसर पर परिषद के परम संरक्षक प्रेम शंकर गोंदावत,तुलसीराम डुंगावत, शोभालाल गोकलावत व समाज के वरिष्ठजन कन्हैयालाल धुलावत भगवतीलाल डुंगावत, मोतीलाल डुंगावत, छगनलाल डुंगावत, शांतिलाल डूंगावत, हीरालाल पतावत, मांगीलाल हीरावत, गिरजाशंकर गोंदावत, जमनाशंकर गोंदावत, रतनलाल औदिच्य बेमला, हीरालाल जीवावत, जितेन्द्र गोन्दावत, जमनेश डूंगावत, डालचंद बोरीवाला, हितेश व्यास, कैलाश डूंगावत, विजय डूंगावत, मांगीलाल पतावत, जिगर औदिच्य कोटा, इन्दर हीरावत, कमलेश पतावत, भोपाजी गणेशलाल औदिच्य ईडाणा, शिवलाल औदिच्य ईडाणा, जगदीश गींगला, राजेश गींगला, मयूरेश सेमला, गणेशलाल जीवावत, ललित जीवावत, गोविंद पतावत, आजाद गोकलावत, नारायण बोरीवाला, जमनालाल औदिच्य वेलवडी, अजय डूंगावत, पियुष गोकलावत, हार्दिक हिरावत, सिद्धार्थ डूंगावत, अनिश डूंगावत, विराट डूंगावत, सिद्धार्थ बोरीवाला, वैभव ईडाणा, सौरभ पतावत, नेमिचंद डूंगावत, मनीष गोन्दावत, ईशान गोकलावत, पार्थ गोन्दावत, दक्ष गोन्दावत, ग्रंथ डूंगावत, रूद्र गोन्दावत सहित परिषद एवं मंडल के पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित रहे।
