आचार संहिता लगते ही अवैध नकदी, मादक पदार्थों और मुफ्त वितरण वाली वस्तुओं पर सख्त निगरानी होगी: मुख्य निर्वाचन अधिकारी

जयपुर---उदयपुर, . राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव-2024 के दौरान चुनाव प्रक्रिया को स्वतंत्र एवं पारदर्शी तथा धनबल, बाहुबल और लोभ-लालच रहित तरीके से सम्पन्न कराने के लिए सम्बंधित क्षेत्रों में आचार संहिता लगने के उपरांत अवैध नकदी, मादक पदार्थों और मुफ्त वितरण के लिए आने वाली वस्तुओं के परिवहन पर सख्त निगरानी की जाएगी. इस कार्य में राजस्थान सरकार और भारत सरकार की विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियां आपसी समन्वय के साथ संदिग्ध वस्तुओं के अवैध परिवहन पर निगरानी और धरपकड़ का कार्य मुस्तैदी से करेंगी.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने इस विषय में शुक्रवार को चुनावी खर्च पर निगरानी की व्यवस्था लागू करने वाली प्रवर्तन एजेंसियों के राज्य स्तरीय नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि उपचुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने के बाद क्षेत्र में तैनात सभी अधिकारी सजगता और तत्परता से काम करते हुए अवैध नकदी एवं संदिग्ध वस्तुओं के परिवहन, वितरण और भण्डारण पर नियमानुसार कड़ी कार्यवाही करें. साथ ही, इस बात का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए कि उनकी गतिविधियों और कार्रवाई से आम नागरिकों, सामान्य व्यापारियों और पर्यटकों आदि को बेवजह परेशानी नहीं हो.

बैठक में निर्वाचन विभाग के अधिकारियों ने उपचुनाव के मद्देनजर विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों की भूमिका और चुनाव प्रक्रिया के दौरान उनसे अपेक्षित सहयोग के विषय में प्रस्तुतीकरण दिया. इस दौरान राजस्थान पुलिस, भारत सरकार के आयकर विभाग, मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो, राजस्व आसूचना निदेशालय, केन्द्रीय वस्तु सेवा कर (सीजीएसटी) आदि विभागों, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, रेलवे सुरक्षा बल, राज्य सरकार के आबकारी, वाणिज्यिक कर, परिवहन तथा वन आदि विभागों के नोडल अधिकारियों अथवा उनके प्रतिनिधियों ने भी प्रस्तुतीकरण दिए.

निगरानी टीमें अधिक संवेदनशील रहकर कार्य करें

श्री महाजन ने अधिकारियों से कहा कि प्रदेश में आगामी दिनों में 7 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने की संभावना है. इस क्रम में प्रवर्तन एजेंसियों की चुनाव खर्च की निगरानी करने वाली टीमों को अधिक संवेदनशील तथा सतर्क रहकर कार्य करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि संबधित एजेंसियां फील्ड में तैनात टीमों के सभी सदस्यों को इस सम्बन्ध में प्रशिक्षित और जागरूक करें कि उनका लक्ष्य केवल अवैध नकदी और चुनाव को प्रभावित करने वाले संदिग्ध वस्तुओं के परिवहन को रोकना है.

संदिग्ध क्षेत्रों, व्यक्तियों और तौर-तरीकों की पहचान करें

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि सभी एजेंसियां उपचुनाव के दौरान संभावित विशेष निगरानी की आवश्यकता वाले संदिग्ध क्षेत्रों, व्यक्तियों, अवैध परिवहन के रास्तों और तौर-तरीकों की पूर्व में पहचान करें और उनसे निपटने के लिए तैयारी कर लें. इसके लिए सम्बंधित टीमों को उचित प्रशिक्षण एवं दिशा-निर्देश दिए जाएं. आबकारी विभाग के अधिकारी चुनाव वाले क्षेत्रों में शराब की लाइसेंस धारक दुकानों के खुलने और बंद होने के समय की पालना सुनिश्चित करें. हवाई अड्डों और रेलवे स्टेशन आदि के साथ ही, पड़ोसी राज्यों तथा देश के सीमावर्ती जिलों में भी भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार विशेष निगरानी की जाए.

ईवीएम मशीनों के रेण्डमाइजेशन के लिए प्रशिक्षण का आयोजन

निर्वाचन विभाग ने विधानसभा उपचुनाव के सम्बन्ध में शुक्रवार को ही इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वीवीपेट मशीनों के रेण्डमाइजेशन के लिए वीडिओ कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं पारदर्शी चुनाव के लिए वोटिंग मशीनों का रेण्डमाइजेशन जरूरी है। उपचुनाव की घोषणा होते ही सम्बंधित जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारी ईएमएस पोर्टल पर ईवीएम एवं वीवीपेट मशीनों का प्रथम रेण्डमाइजेशन करेंगे तथा नामांकन प्रक्रिया के बाद अभ्यर्थियों की संख्या तय होने के पश्चात सम्बंधित रिटर्निंग अधिकारी द्वारा ईएमएस पोर्टल पर ही वोटिंग मशीनों का दूसरा रेण्डमाइजेशन किया जाएगा. प्रशिक्षण सत्र में निर्वाचन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तथा सम्बंधित जिलों के उप जिला निर्वाचन अधिकारी, रिटर्निंग अधिकारी एवं मास्टर ट्रेनर्स उपस्थित रहे.

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