भागवत कथा मनोरंजन नहीं आत्मनुरंजन होनी चाहिए : पुष्कर दास महाराज

भागवत कथा मनोरंजन नहीं आत्मनुरंजन होनी चाहिए : पुष्कर दास महाराज
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उदयपुर । झीलों की नगरी के बेदला रोड, शुभ सुंदर टावर,साइफन चौराहा,पेट्रोल पंप के पास में पुष्कर दास महाराज द्वारा संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन कहा करोड़ों जन्मों का पुण्य उदय होता है। तभी हमें सत्संग में बैठने को मिलता है। जिन्होंने भक्ति मार्ग को अपना वही परम भागवत हुए । पाप भजन नहीं करने देता । संसार में मन ज्यादा फसने के कारण भजन नहीं कर पाते। संत लोगों का मन संसार से मुक्त था इसलिए वो भजन कर पाए । भागवत शब्द की व्याख्या करते हुए कहा भ का मतलब भक्ति, ग का ज्ञान, व का वैराग्य,और त का त्याग द्य मन संसार में फंस गया तो आसक्ति कहलाती। ओर मन भगवान में फंस गया तो भक्ति कहलाती द्य भागवत में कलयुग का स्थान चार जगह बताया है स्वर्ण (सोना) में,जुआ में, शराब में, बाजारू स्त्री में ओर अनीति के धन में, शास्त्रों में सप्त सरोवर,संगीत के 7 स्वर, इसलिए भागवत की कथा 7 दिवसीय रखी जाती है। राजा ने अनीति के धन का मुकुट पहना इसलिए उसकी बुद्धि बिगड़ी और ऋषि के गले में मरा हुआ सर्प डाला और ऋषि के बेटे को जब पता चला तो उसने राजा को श्राप दिया । आगे कहा ऋषि मुनियों ने भूखे,प्यासे बड़े संघर्ष के साथ ग्रंथों की रचना की। हमारे घर में रामायण,भागवत,गीता आदि ग्रन्थ होने चाहिए, जो हरि से जुड़े वो तर गए जो मोह,माया के नशे में रहे वो तो डूबे ही। संतों ने डोर डाली हे पकडऩा तो हमें है। परमात्मा के लिए एक कदम हम बढ़ाएंगे तो एक कदम वो भी बढ़ाएगा । भक्त वही जो परमात्मा से जुड़ा रहे। कथा सुनने से मन का मेल साफ होता है। भागवत की कथा में इतने ऋषि मुनि महात्मा थे परंतु शुकदेव जी सिर्फ राजा परीक्षित के लिए आए। क्यों की कल्याण सिर्फ परीक्षित का करना था आगे कहा कि भागवत अठारह हजार श्लोक का ग्रंथ है व्यासजी ने इस ग्रंथ को अपने बेटे शुकदेव जी को सौंपा। शुकदेवजी राजा परीक्षित का उद्धार करने के लिए शुकताल में आए और 7 दिन भागवत की कथा सुनाई और कहा राजा आपका संसार में जहा जहा मन अटका है वहा से मन को निकालो और एकाग्र करो तभी कथा समझ आएगी और जीवन का कल्याण होगा। आज के समय में जितनी कथाएं हो रही पर कथा का परिणाम नहीं आ रहा। अंत में महाराज ने शिव जी का भजन गाया "एक दिन शिव भोले भंडारी बनकर सुंदर नारी ब्रज में आ गए" भजन पर महिलाएं अपने आप को रोक नहीं पाई और झूम उठी । वि_ल वैष्णव ने बताया मंगलवार को कथा में "श्री कृष्ण जन्मोत्सव" धूमधाम से मनाया जाएगा।

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