व्यवसाय विविधिकरण से होगी ग्राम सेवा सहकारी समितियां की आय में वृद्धि’

व्यवसाय विविधिकरण से होगी ग्राम सेवा सहकारी समितियां की आय में वृद्धि’
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उदयपुर,। संयुक्त राश्ट्र संघ द्वारा घोषित अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्श 2025 के अंतर्गत उदयपुर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लि. के कार्यक्षेत्र में आने वाली ग्राम सेवा सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों के लिए “व्यव्साय विविधिकरण” पर प्रशिक्षण कार्यक्रम बैंक के प्रताप नगर स्थित प्रधान कार्यालय सभागार में किया गया।

कार्यक्रम का आयोजन राजस्थान सहकारी शिक्षा एवं प्रबंध संस्थान (राईसेम) के सहयोग से किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम सत्र में कम्प्यूटर प्रोग्रामर, राईसेम पंकज आसोपा ने विशय प्रवर्तन करते हए प्रतिभागियों को समिति में किए जा सकने वाले संभावित नवाचारों की जानकारी दी। आसोपा ने राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर श्रेश्ठ कार्य कर रही समितियों का उदाहरण देते हुए उदयपुर सीसीबी की समितियों को भी नवाचार करने के लिए प्रेरित किया। आसोपा ने नया व्यवसाय प्रारंभ करने से पूर्व एसडब्ल्यूओटी एनालिसिस करने पर जोर दिया तथा यह भी समझाया कि किस तरह से इस तकनीक का प्रयोग करके समितियां स्ट्रेंथ (शक्तियां), वीकनेस (कमजोरियां), अपोर्ट्यूनिटी (अवसरों) एवं थ्रेट्स (खतरों) का सामना कर सकती है।

कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में डॉ. धर्मेश मोटवानी ने ’’सहकार से समृद्धि’’ आंदोलन के तहत शामिल व्यवसाय विविधिकरण योजनाओं पर विस्तृत व्याख्यान दिया। डॉ मोटवानी ने उदाहरणों के माध्यम से समझाया कि कैसे समितियां अल्पकालीन फसली ऋण के साथ साथ खाद बीज विक्रय, जन औषधि केन्द्र, पीडीएस, सीएसीसी, ई-मित्र तथा कृषक विकास केन्द्र का कार्य करके समिति की आय में वृद्धि कर सकती है। उन्होंने समिति व्यवस्थापकों को राष्ट्रीय महत्व की सहकारी समितियों तथा बीबीएसएसएल, एनसीओएल, एनसीईएल की सदस्यता लेने के लिए भी अभिप्रेरित किया।

जिला विकास अधिकारी, नाबार्ड नीरज यादव ने अपने उदबोधन में नाबार्ड की और से ग्राम सेवा सहकारी समितियों को व्यवसाय विविधीकरण हेतु उपलब्ध विभिन्न वित्तीय एवं विपणन सुविधाओं के बारे में बताया। बैंक प्रबंध निदेशक डॉ मेहजबीन बानों ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में समितियों को अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए जाने वाले बेहतर संचालन के मु६ो पर प्रकाश डाला तथा मुख्य कार्यकारी द्वारा करने एवं नही करने वालों कार्यों को भी समझाया। डॉ बानों ने व्यवसाय विविधीकरण हेतु उपलब्ध सहकारी बैंक लि. की योजनाओं को विस्तार से समझाया तथा इन योजनाओं का लाभ उठाकर समिति व्यवस्थापकों को व्यवसाय विविधीकरण के लिए प्रेरित किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में उदयपुर, सलुम्बर, राजसमन्द एवं प्रतापग-सजय जिले की धरियावद तहसील के 100 से अधिक व्यवस्थापकों ने भाग लिया।

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