ओबीसी वर्ग के राजनीतिक हक सुरक्षित करने को आयोग प्रतिबद्ध – अध्यक्ष भाटी

ओबीसी वर्ग के राजनीतिक हक सुरक्षित करने को आयोग प्रतिबद्ध – अध्यक्ष भाटी
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उदयपुर, । राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग (राजनैतिक प्रतिनिधित्व) आयोग का संभाग स्तरीय जनसंवाद और परिचर्चा कार्यक्रम शुक्रवार को जिला परिषद सभागार में आयोग अध्यक्ष श्री मदनलाल भाटी और सदस्यगणों की उपस्थिति में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में लोकसभा सांसद डाॅ मन्नालाल रावत, राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया, वल्लभनगर विधायक उदयलाल डांगी भी उपस्थित रहे। उदयपुर सहित संभाग के विभिन्न जिलों से आए समाज प्रतिनिधियों ने खुल कर सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक उन्नयन को लेकर अपेक्षित मांगे और सुझाव प्रस्तुत किए। आयोग ने सभी सुझावों और न्यायोचित मांगों को आयोग की रिपोर्ट में शामिल करते हुए अग्रेषित किए जाने का आष्वासन दिया।

प्रारंभ में आयोग अध्यक्ष न्यायाधीश (सेनि.) मदनलाल भाटी, सचिव एवं सलाहकार अषोक कुमार जैन, सदस्य गोपाल कृष्ण, प्रो. राजीव सक्सेना, मोहन मोरवाल तथा पवन मंडाविया, सांसद द्वय डा रावत, गरासिया एवं विधायक डांगी का अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी वीरमाराम, नगर निगम उपायुक्त दिनेष मंडोवरा, संयुक्त निदेषक सांख्यिकी पुनीत शर्मा, संयुक्त निदेषक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता गिरीष भटनागर, अतिरिक्त विकास अधिकारी राजेंद्र कुमार आदि ने स्वागत किया।

आयोग सचिव जैन ने आयोग का परिचय देते हुए बताया कि सर्वाेच्च न्यायालय के आदेश के अनुसरण में राज्य के भीतर स्थानीय निकायों (ग्रामीण / शहरी) में सभी स्तरों पर अन्य पिछड़ा वर्ग के पिछड़ेपन की प्रकृति एवं उसके निहितार्थों का अध्ययन कर राज्य की पंचायती राज संस्थाओं एवं नगरीय निकायों के निर्वाचनों में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के संबंध में अनुशंसाएं राज्य सरकार को प्रस्तुत की जानी हैं। इसके लिए आयोग की ओर से प्रत्येक संभाग मुख्यालय पर जनंसवाद किए जा रहे हैं। आयोग राजस्थान की सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के कल्याण एवं स्थानीय निकायों में उनके समुचित राजनीतिक प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने हेतु पंचायती राज और शहरी निकायों में ओबीसी जातियों को आरक्षण देने का फार्मूला तय कर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगा। इसी रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश में आरक्षण लागू किया जाएगा।

प्रतिनिधियों ने खुल कर रखे सुझाव

आयोग ने उदयपुर सहित बांसवाड़ा, डूंगरपुर, चित्तौडगढ़, प्रतापगढ़, राजसमंद आदि जिलों से आए विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों से सुझाव आमंत्रित किए। इसमें वक्ताओं ने टीएसपी क्षेत्र में ओबीसी को आरक्षण नहीं मिल पाने की पीड़ा व्यक्त करते हुए न्यायोचित एवं संवैधानिक समाधान की गुहार लगाई। साथ ही जनसंख्या के अनुपात में ओबीसी वर्ग को नगर निकाय और पंचायतीराज संस्थाओं में आरक्षण दिलाने की मांग रखी। इसके अलावा पात्रता के बावजूद ओबीसी श्रेणी से वंचित कुछ समाजों ने भी ओबीसी सूची में शामिल किए जाने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपे। कई प्रतिनिधियों ने ओबीसी समाज के सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक एवं राजनैतिक उत्थान को लेकर सुझाव प्रस्तुत किए। आयोग ने सभी प्रतिनिधियों की बातों को तसल्ली से सुना।

संवैधानिक प्रावधानों के दायरे में राजनैतिक हक की करेंगे पैरवी - भाटी

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आयोग अध्यक्ष भाटी ने कहा कि आयोग संवैधानिक प्रावधानों के दायरे में रहते हुए राजस्थान प्रदेश के अन्य पिछड़े वर्गों के समग्र उत्थान एवं राजनीतिक प्रतिनिधित्व के लिए प्रतिबद्ध हैं। टीएसपी क्षेत्र में ओबीसी आरक्षण से जुड़े मसले शेष से भिन्न हैं। जनसंवाद में प्राप्त सभी सुझावों का संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप विधिक अध्ययन कराकर न्यायोचित प्रतिवेदन सरकार को प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजनैतिक प्रतिनिधित्व का अध्ययन करने के लिए आयोग की ओर से सर्वे भी प्रस्तावित है। उन्होंने सर्वे प्रपत्र के प्रारूप की जानकारी देते हुए सभी से प्रपत्र को सही ढंग से भर कर प्रस्तुत किए जाने का भी आग्रह किया।

सभी वर्गों को लाभ मिले, ऐसे प्रयास करने की आवष्यकता

कार्यक्रम में लोकसभा सांसद डाॅ मन्नालाल रावत, राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया और वल्लभनगर विधायक उदयलाल डांगी ने भी विचार व्यक्त किए। जनप्रतिनिधियों ने आयोग की पहल का स्वागत करते हुए क्षेत्र में सभी वर्गों को समुचित लाभ मिलने के प्रयासों पर जोर दिया। दोनों सांसदों ने इसके लिए देष की सर्वाच्च पंचायत में उठाने योग्य बिन्दूओं पर भी समुचित पैरवी के लिए आष्वस्त किया।

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