बच्चों को दुनिया में लाने से पूर्व पूरी प्लानिंग जरूरी : डॉ. अभय शाह जैन

बच्चों को दुनिया में लाने से पूर्व पूरी प्लानिंग जरूरी : डॉ. अभय शाह जैन
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उदयपुर। श्री जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक संघ की ओर से थोब की बाड़ी उपाश्रय में प्रन्यास प्रवर समर्पित रत्नविजय महाराज, निराग विजय महाराज, अजीत रत्न विजय महाराज, साध्वी कीर्ति रेखा महाराज एवं श्रीपद विजय महाराज के सानिध्य में गर्भ संस्करण एवं गुड पेरेंटिंग सेमिनार का आयोजन हुआ। सेमिनार की मुख्य संयोजिका विजयलक्ष्मी गलुंडिया एवं थोब की बाड़ी संघ के सचिव रणवीर मादरेचा ने बताया कि सेमिनार का आयोजन मनोहर सिंह नलवाया की अध्यक्षता, नाकोड़ा ज्योतिष कार्यालय के संस्थापक कांतिलाल जैन के मुख्य अतिथि एवं वासुपूज्य मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी राज लोढ़ा समाज सेवी मीना सिंघवी, युवा उद्यमी आलोक बोलिया, जिनेंद्र मेहता, विजेंद्र बापना, साधना बाबेल, अनिल मेहता, आचार्य पंडित भगवान लाल पालीवाल एवं डॉ भास्कर पालीवाल के विशिष्ट आतिथ्य में हुआ।

संयोजक फतह सिंह नलवाया ने बताया कि गर्भ संस्करण एवं गुड पेरेंटिंग कोर्स पूरे विश्व के नौ देशों एवं भारत के नौ राज्यों में चल रहा है और राजस्थान में उदयपुर में पहली बार इस सेमिनार का आयोजन हुआ है इसके मुख्य वक्ता मुंबई से आए ट्रेनर डॉ अभय शाह जैन ने बताया कि जिस प्रकार एक मकान बनाने के लिए पूरी प्लानिंग की जरूरत होती है उसी प्रकार एक बच्चे को दुनिया में लाने से पूर्व प्लानिंग की जरूरत होती है गर्भ संस्कार की शुरुआत शादी से पूर्व ही हो जानी चाहिए। शादी में जीवनसाथी के चयन में गोत्र, उम्र, एजुकेशन, फाइनेंशियल स्टेटस, एवं परिवार की बीमारी की पूर्व हिस्ट्री आदि कई बातों का ध्यान में रखना चाहिए । शादी के बाद गर्भावस्था की प्लानिंग होना चाहिए, गर्भावस्था के दौरान इस गर्भ संस्करण कोर्स के माध्यम से जैसा चाहे बच्चों को डिजाइन कर सकते हैं गर्भावस्था में बच्चों से बातें कर सकते हैं उसको गर्भ से ही संस्कार सीखा सकते हैं इस दौरान खान-पान कैसा हो माता-पिता क्या-क्या सावधानियां रखें उस पर भी उन्होंने पूर्ण ज्ञान दिया साथ उन्होंने यह भी बताया कि बच्चे होने के बाद एक अच्छा माता-पिता बनने के लिए क्या-क्या जरूरी है उन्होंने तीन प्रकार के पिता बताएं- ग्रस्त पिता- जो हमेशा टेंशन में रहता है दूसरा होता है व्यस्त पिता- जिसके पास कभी समय नहीं होता है और तीसरा होता हैजी मस्त-पिता जो खुद भी मस्त रहता है और बच्चों को भी मत रखना है। साथ ही उन्होंने कहा कि मां सिर्फ गोद देती है और पिता कंधा देता है ताकि बच्चा दूर तक अपनी दुनिया देख सके और अपना कैरियर बना सके इसलिए बच्चों के परवरिश में माता-पिता दोनों की अहम भूमिका होती है।

कार्यक्रम के संयोजक मोती सिंह मेहता, पंकज हड़पावत और सुभाष मेहता ने बताया कि त्रिपद ही मारासा ने बताया कि अच्छा माता-पिता बनने के लिए कंप्रेशन कंपैरिजन एवं कैलकुलेशन छोड़ देना चाहिए बच्चों की छोटी-छोटी उपलब्धियां को सेलिब्रेट करो, उसकी तारीफ करो, किसी के सामने उसको डांटो नहीं और बच्चा क्या चाहता है उसकी सुनो, अपनी इच्छाओं को थोपे नहीं, साथ ही आपके साथ जो गलत हुआ है उसे आगे बच्चों में कैरी फॉरवर्ड मत करो। कार्यक्रम में 600 से अधिक लोगों ने भाग लिया। स्वागत थोब की बाड़ी संघ के अध्यक्ष मनोहर सिंह नलवाया ने किया। धन्यवाद रणवीर मादरेचा ने ज्ञापित किया। संचालन विजय लक्ष्मी गलुंडिया ने किया। इस अवसर पर दलपत सिंह बोल्या, मनीष गलुंडिया, संध्या दक, रश्मि नलवाया, अंकिता नलवाया, कांता हड़पावत,आजाद हड़पावत आदि का विशेष सहयोग रहा।

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