तृतीय पशुपालक प्रशिक्षण शिविर का समापन

उदयपुर, । राजकीय पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित तीन दिवसीय आवासीय पशुपालक प्रशिक्षण का समापन गुरूवार को हुआ।
समापन समारोह को संबोधित करते हुए संस्थान के उपनिदेशक डॉ सुरेंद्र छंगाणी ने कहा कि जन स्वास्थ्य के लिए पशुओं से स्वच्छ दुग्ध उत्पादन प्राप्त करना नितान्त आवश्यक है। अन्यथा मानव में दुग्ध जनित रोग होने की प्रबल संभावना रहती है। अतः पशुपालकों को स्वच्छ दुग्ध उत्पादन प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए। डॉ. छंगाणी ने कहा कि पशु का निरोगी होना एवं दुग्ध उत्पादन की उपभोक्ता तक दुग्ध पहुंचाने की समस्त प्रक्रिया हाईजेनिक होनी चाहिए। समापन के अवसर पर संयुक्त निदेशक डॉ. सुरेश जैन ने विभागीय कार्यक्रम गत्तिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार पशुपालकों के उत्थान के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है आवश्यकता इस बात की है कि पशुपालकों को इसका पूरा लाभ उठाना चाहिए। त्रिदिवसीय आवासीय पशुपालक प्रशिक्षण शिविर में बांसवाड़ा, डुंगरपुर, उदयपुर एवं सलूम्बर जिले के चयनित 41 पशुपालकों ने भाग लिया। पशुपालकों को उदयपुर दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड एवं कृषि विज्ञान केन्द्र, बड़गांव में पशु प्रबंधन के समस्त आयामो की विस्तार से जानकारी दी। प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. ओमप्रकाश साहू ने बताया कि गुणवत्ता युक्त दुग्ध उत्पादन प्राप्त करने के लिये पशु आहार प्रबंधन का विशेष ध्यान रखना चाहिए। प्रशिक्षण में डॉ. लज्जाराम, डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी, डॉ. ओमप्रकाश साहू, डॉ. सुरेश जैन, डॉ. सुरेश शर्मा... डॉ. हंस कुमार जैन, स्वप्निल भावसार एवं पन्नालाल शर्मा ने विभिन्न विषय वस्तुओं पर प्रशिक्षण देकर पशुपालको को लाभान्वित किया।