जनसभागिता से संभव पशुओ में मुंहपका खुरपका रोग पर नियंत्रण

@राज्य में सघन टीकाकरण कार्यक्रम का पचंम चरण प्रारम्भ
उदयपुर ।राजकीय पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान में मुंहपका खुरपका रोग नियंत्रण कार्यक्रम को सफल बनाने एवं रोग के उन्मूलन विषयक पर विस्तृत चर्चा की गई। इस अवसर पर डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने कहा कि मुंहपका खुरपकां रोग से देश में प्रतिवर्ष अनुमानित 14 हजार करोड़ का आर्थिक नुकसान हो रहा है। डॉ. छंगाणी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम अन्तर्गत राज्य के गौ वंशीय एवं भैंस वंशीय पशुओं में एफ.एम.डी. टीकाकरण का पाचंवा चरण 18 मार्च से 17 मई तक एक सघन अभियान के रूप में चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य वर्ष 2025 तक इस रोग पर पूर्णतया नियंत्रण एवं साथ ही 2030 तक इसका उन्मूलन कर राज्य को इस रोग से मुक्त कर पशुपालको का आर्थिक उन्नयन करना है। मुंहपका खुरपका संक्रामक रोग को पूर्ण रूप से नियंत्रण कर राज्य को इस रोग से मुक्त करने के लिए विभाग द्वारा वर्ष में दो बार सघन टीकाकरण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। पशुपालक जनसहयोग कर इस रोग से बचाव हेतु अपने पशुओं को टीका अवश्य लगवाये। संस्थान की डॉ. पद्मा मील ने इस रोग के बचाव एवं उपचार की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि पशुपालक अपने गौ वंशीय एवं भैंस वंशीय पशुओं का साल भर में दो बार टीकाकरण अवश्य करायें। डॉ. ओम प्रकाश साहू ने इस रोग के लक्षणों की जानकारी देते हुए बताया कि बचाव ही उपचार से बेहतर हैं। पशुपालन डिप्लोमा विद्यार्थियों ने पशुपालकों की जनसहभागिता प्राप्त करने के लिए प्रयास करने की बात पर जोर दिया।