जिले के जर्जर विद्यालयी भवनों की होगी कायापलट

उदयपुर, । जिला कलेक्टर नमित मेहता के निर्देशन में जिले में विद्यालयों की आधारभूत संरचना कोसुदृढ़ करने तथा राजकीय विद्यालयों के जर्जर कक्षा-कक्षों की कायापलट करने की दिशा में प्रशासन द्वारा समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत मरम्मत एवं विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। इसी क्रम में डीएमएफटी मद से कुल 252 विद्यालयों में मरम्मत कार्यों हेतु प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है तथा शिक्षा विभाग द्वारा तकनीकी स्वीकृति प्रेषित की जा चुकी है, जिनकी शीघ्र वित्तीय स्वीकृति जारी होने पर मरम्मत का कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
ग्राम पंचायतों को भी बनाया कार्यकारी एजेंसी
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी (समग्र शिक्षा) महेंद्र कुमार जैन ने बताया कि जिले के 434 विद्यालयों में कक्षा-कक्ष निर्माण एवं मरम्मत हेतु संशोधित प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई है, जिनकी कार्यकारी एजेंसी ग्राम पंचायतों को बनाया गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतर्गत 42 विद्यालयों में मरम्मत कार्य स्वीकृत किए गए, जिनमें से 38 कार्यों के कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं और कार्य शीघ्र प्रारंभ होंगे। शेष 4 कार्यों की निविदा पुनः प्रकाशित की जाएगी।
जनप्रतिनिधियों की मांग पर भी भेजें है प्रस्ताव
सीडीईओ जैन के अनुसार वर्ष 2025-26 की वार्षिक कार्य योजना (पीएबी) में 142 विद्यालयों के मरम्मत प्रस्ताव राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद, जयपुर को भेजे गए हैं। इसी प्रकार जिले के विभिन्न विधायकों के सुझाव पर 32 विद्यालयों के मरम्मत कार्यों के प्रस्ताव भी भेजे जा चुके हैं। आगामी वित्तीय वर्ष की बजट घोषणा के अंतर्गत 166 विद्यालयों के मरम्मत कार्यों के प्रस्ताव भी भिजवाए गए हैं। टीएडी मद से 400 विद्यालयों तथा डीएमएफटी से 380 विद्यालयों के मरम्मत कार्यों के प्रस्ताव संबंधित अधिकारियों को भेजे गए हैं। जिनकी शीघ्र स्वीकृति जारी की जाएगी। जिला प्रशासन व समग्र शिक्षा विभाग का यह प्रयास न केवल विद्यालयों के भौतिक ढांचे को सशक्त बनाएगा, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए बेहतर वातावरण का निर्माण भी करेगा।