सुरक्षा इंतजामों को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट

उदयपुर, । वर्तमान परिपेक्ष एवं सीमा पर चल रहे तनाव के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े संवेदनशील मुद्दे को लेकर उदयपुर में जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। जिला मजिस्ट्रेट एव कलक्टर नमित मेहता ने उदयपुर जिले के सामरिक महत्व को देखते हुए एहतियान परामर्शी जारी की। साथ ही जिले में आगामी 5 दिन तक ड्रोन संचालन और आतिशबाजी को भी प्रतिबंधित कर दिया है। आपात स्थिति में सूचनाओं के त्वरित आदान प्रदान को लेकर जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष भी स्थापित कियागया है, जो 24 घंटे क्रियाशील रहेगा।
निषेधाज्ञा जारी, ड्रोन उड़ाने व पटाखे जलाने पर प्रतिबंध
जिला मजिस्ट्रेट नमित मेहता ने शनिवार को निषेधाज्ञा जारी करते हुए उदयपुर जिले की सीमा में आगामी 15 मई दोपहर 12 बजे तक किसी भी प्रकार का ड्रोन, युएवी, गुब्बारे इत्यादि का संचालन या उड़ान को प्रतिबंध किया है। साथ ही इस समयावधि में पटाखे जलाने पर भी पूर्ण पाबंदी रहेगी।भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत जारी निषेधाज्ञा में कहा कि वर्तमान परिदृश्य के मद्देनजर उदयपुर जिले की सम्पूर्ण सीमा में स्थित आर्मी एरिया, महाराणा प्रताप एयरपोर्ट डबोक, हिन्दुस्तान जिंक, रेल्वे स्टेशन, बस स्टेशन, गैस फेक्ट्री एवं ऐतिहासिक भवनों आदि की महता एवं संवेदनशीलता को दृष्टिगत रखते हुए इनकी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना अनिवार्य है। इसी के मद्देनजर उक्त प्रतिबंध लगाए गए हैं। आदेश के अनुसार विशेष परिस्थितियों में सक्षम स्तर से स्वीकृति प्राप्त करके ही ड्रोन का संचालन किया जा सकेगा। उक्त आदेश सरकारी गतिविधियों यथा सेना, पुलिस, सशस्त्र बल, होमगार्ड एवं कानून व्यवस्था में संलग्न अधिकारियों, रेलवे के लिये लागू नहीं होगा। आदेश की अवहेलना करने पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत कार्यवाही की जाएगी।
परामर्शी जारी, पालना के निर्देश
जिला मजिस्ट्रेट नमित मेहता ने वर्तमान परिपेक्ष एवं सीमा पर चल रहे तनाव को ध्यान में रखते हुए उदयपुर जिले में परामर्शी जारी की है। इसके तहत शादियों व अन्य समारोहों में रोशनी इत्यादि के लिए अधिक व्यवस्था नहीं करने, ब्लैक आउट होने की स्थिति में आवश्यक रूप से रोशनी को बंदकरने, सार्वजनिक स्थलों, बाजारों, पर्यटन स्थलों, बस स्टैंडों, रेलवे स्टेशनों जैसी भीड़ वाली जगहों पर विशेष निगरानीरखने, खास कर शाम व रात्रि के समय विशेष ध्यान रखे जाने, सायरन व्यवस्था को और प्रभावी बनाने तथा इसके विस्तार हेतु विशेष ध्यान देने, साथ ही सायरन के संबंध में जनसाधारण को जागरूककरने, बड़े धार्मिक स्थलों, महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों तथा विजलीघरों, रिफाइनरी, बांधो इत्यादि की सुरक्षा सुनिश्चितकरने, अवांछित घटना होने पर इसकी रिपोर्टिंग के लिए केंद्र सरकार / राज्य सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी की पालना सुनिश्चितकरने, किसी भी साइबर अटैक से बचने के लिए ऐसी सभी महत्वपूर्ण व्यवस्थाएं जैसे बिजली आपूर्ति, बांधों के गेट खोलना इत्यादि जिनका संचालन कंप्यूटर प्रणाली के माध्यम से होता है वहां सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने, खाद्यान्न एवं आमजन के उपयोग हेतु आवश्यक सामग्री की अनावश्यक रूप से होर्डिंग नहीं हो इस हेतु सतत निगरानी रखते हुए आवश्यक एवं प्रभावी कार्यवाहीकरने, अफवाहों को बढ़ावा नहीं दिया जाए एवं गलत अफवाहों के प्रवाह को यथासमय रोकने के प्रयासकरने के निर्देश दिए हैं। जिला मजिस्ट्रेट मेहता ने सभी सम्बन्धित अधिकारियो को परामर्शी की पालना सुनिश्चित कराने केनिर्देश दिए।
जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित
देश की सीमा पर विषम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जिले में आपदा प्रबंधन के लिए जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। यह नियंत्रण कक्ष चौबीस घंटे, सातों दिन क्रियाशील रहेगा। नियंत्रण कक्ष का दूरभाष नंबर 0294-2414620 (टोल फ्री 1077) है। इस नंबर पर लू-ताप, बिजली और पेयजल समस्याओं के साथ ही आपदा प्रबंधन से जुड़ी सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सकता है। अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ने प्रतिदिन प्राप्त सूचनाओं को संकलित कर सूचना प्रभारी अधिकारी के निर्देशानुसार उच्च अधिकारियों को भिजवाने व सूचनाओं का रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिए हैं। जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष के लिए कार्मिकों का भी अधिग्रहण किया गया है।