जिला झील संरक्षण एवं विकास समिति की बैठक

उदयपुर, । जिला कलक्टर नमित मेहता की अध्यक्षता में शनिवार को जिला झील संरक्षण एवं विकास समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में जयसमंद झील के संरक्षण के लिए जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट का अनुमोदन करते हुए इसे संरक्षित झील का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने का निर्णय लिया गया। नगर निगम आयुक्त एवं सचिव जिला झील संरक्षण एवं विकास समिति रामप्रकाश ने बताया कि पिछली बैठक में बड़ी और बड़ा मदार झील को संरक्षित श्रेणी में डालने का प्रस्ताव मुख्य कार्यकारी राजस्थान झील विकास प्राधिकरण, जयपुर को भेज दिया गया है। जिला कलक्टर मेहता ने सुझाव दिया कि तीन हेक्टेयर से अधिक भराव क्षेत्र वाले जिले के अन्य तालाबों को भी संरक्षित क्षेत्र में ले सकते हैं।
होटलों द्वारा संचालित नावों के अनुबंध नवीनीकरण पर चर्चा करते हुए जिला कलक्टर ने नगर निगम आयुक्त, उदयपुर विकास प्राधिकरण सचिव और अधिशाषी अभियंता यांत्रिकी को दरों का विश्लेषण कर अपनी अनुशंषा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। वहीं, झीलों में होटलों द्वारा पेट्रोल या डीजल इंजन से संचालित नावों को 15 अगस्त तक सोलर या इलेक्ट्रिक इंजन में कन्वर्ट करवाने के निर्देश दिए। जिनकी अनुबंध राशि बकाया है उनके प्रबंधन को नोटिस जारी कर राशि जमा करवाने के निर्देश दिए और यदि निर्धारित समयावधि में राशि जमा नहीं कराई जाती है, तो अनुबंध समाप्त करने के निर्देश दिए। पंच गौरव में शामिल फतहसागर और पिछोला के सौंदर्यन पर चर्चा करते हुए जिला कलक्टर ने कहा कि पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण और राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए सौंदर्यन किया जाए। जलीय जीवन प्रभावित नहीं होना चाहिए। इसके लिए एक समिति का गठन करने के निर्देश दिए। ध्वनि प्रदूषण और मत्स्य पालन पर भी चर्चा करते हुए महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
बैठक में उदयपुर विकास प्राधिकरण राहुल जैन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी शरद सक्सेना, मत्स्य विभाग सहायक निदेशक दीपिका पालीवाल, नगर निगम अधिशाषी अभियंता (यांत्रिकी) लखनलाल बैरवा, यूडीए अधीषण अभियंता अनित माथुर, जल संसाधन विभाग अधीषण अभियंता मनोज जैन, पर्यटन उप निदेशक शिखा सक्सेना, एक्सईएन सलूम्बर प्रतीक चौधरी अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।