मुंहपका खुरपका रोग नियंत्रण कार्यक्रम एवं जनसहभागिता सघन टीकाकरण कार्यकम जारी
उदयपुर। राजकीय पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित होने वाली संगोष्ठी में इस बार मुंहपका खुरपका रोग नियंत्रण एवं जनसहभागिता विषय पर चर्चा हुई। संस्थान में इस अवसर पर डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने कहा कि किसी भी कार्यक्रम की सफलता के लिए जनसहभागिता का होना नितान्त आवश्यक है। मुंहपका खुरपका संक्रामक रोग को पूर्ण रूप से नियंत्रण कर राज्य को इस रोग से मुक्त करने के लिए विभाग द्वारा सघन टीकाकरण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। पशुपालकों को चाहिए कि इस रोग से बचाव हेतु अपने पशुओं को टीका अवश्य लगवायें।
डॉ. छंगाणी ने बताया कि विषाणु जनित इस रोग से पशु की मृत्यु होने की संभावना यद्धपि बहुत कम होती है। किन्तु उत्पादन में अत्यधिक गिरावट के कारण करोड़ो का नुकसान पशुपालकों को प्रतिवर्ष हो रहा है। पशुपालकों के सहयोग से ही इस रोग से आसानी से निजात पाया जा सकता है। भारत सरकार द्वारा मुंहपका खुरपका रोग नियंत्रण कार्यकम का चतुर्थ चरण चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य वर्ष 2025 तक इस रोग पर पूर्णतया नियंत्रण एवं साथ ही 2030 तक पूर्ण रूप से इसका उन्मूलन कर राज्य को इस रोग से मुक्त कर पशुपालकों का आर्थिक उन्नयन करना है।
संस्थान के डॉ. सुरेश शर्मा ने इस रोग के बचाव एवं उपचार की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि पशुपालक अपने गौ एवं मैस वंशीय पशुओं का साल भर में दो बार टीकाकरण अवश्य करायें। संस्थान की डॉ. पदमा मील ने इस रोग के लक्षणों की जानकारी देते हुए बताया कि बचाव ही उपचार से बेहतर हैं। इस रोग के प्रारम्भिक लक्षण दिखने पर ही इसे स्वस्थ पशुओं से अलग कर तुरन्त निकटतम पशु चिकित्सालय से संपर्क करना चाहिए। पशुपालन डिप्लोमा विद्यार्थियों ने पशुपालकों की जनसहभागिता प्राप्त करने के लिए प्रयास करने की बात पर जोर दिया। डॉ. छंगाणी ने बताया कि वर्तमान में 26 अगस्त से 25 अक्टूबर तक चतुर्थ चरण टीकाकरण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।