मानवाधिकार आयोग सदस्य झाला ने किया नारीनिकेतन व बाल गृह का निरीक्षण

उदयपुर,। राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य जस्टिस रामचन्द्र सिंह झाला ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के नारी निकेतन तथा बाल अधिकारिता विभाग के राजकीय बालिका गृह, राजकीय बाल सम्प्रेक्षण गृह व राजकीय बालगृह का निरीक्षण किया।
जस्टिस झाला द्वारा विगत दिनों बालिका गृह से संबंधित प्रकाशित समाचार के सन्दर्भ में संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को बालिका गृह एवं नारी निकेतन का निरीक्षण किया। इस दौरान आवास व्यवस्था, भोजन व्यवस्था, गृह में प्रवेश करने वालों की व्यवस्था एवं रिकार्ड को देखा। गृह की आवासिनियों से बातचीत करके व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त की। बालिकाओं द्वारा व्यवस्था के प्रति संतोष व्यक्त किया गया। उन्होंने जस्टिस झाला को बताया कि गृह में किसी प्रकार की समस्या नहीं है और ना ही किसी प्रकार का दबाव है। जस्टिस झाला द्वारा बालिकाओं को पढ़ाई करके जीवन में आगे बढ़ने को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि जीवन में एक बार गलती होने से हतोत्साहित नहीं हो कर सकारात्मक दृष्टिकोण रखकर घर परिवार के साथ आगे बढ़ने का मार्गदर्शन दिया। इस अवसर पर उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के संयुक्त निदेशक गिरीश भटनागर, बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक से चर्चा की एवं आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किये। उन्होंने यह भी कहा कि उनके द्वारा संबंधित आई.ओ. से बात करके निष्पक्षतापूर्वक जाँच करने हेतु कहा गया है एवं जाँच पत्रावली भी तलब की गई है। निरीक्षण के दौरान अधीक्षक बालिका गृह दिशा भार्गव, अधीक्षक नारी निकेतन प्रीति जैन भी उपस्थित थे। इसके बाद जस्टिस झाला द्वारा बाल सम्प्रेक्षण गृह एवं बाल गृह के बालकों से मुलाकात की उनके मैस, रसोई एवं आवास व्यवस्था का निरीक्षण किया। उनके द्वारा व्यवस्थाओं के संबंध में संतोष व्यक्त किया गया। इस दौरान बाल कल्याण समिति अध्यक्ष एवं सदस्यों द्वारा भी झाला से भेंट की गई।
