‘वर्ल्ड ऑफ ह्यूमैनिटी’ में राष्ट्रसंत पुलक सागर जी का अवलोकन, कृत्रिम अंग कार्यशाला का उद्घाटन

उदयपुर । राष्ट्रसंत मनोज्ञाचार्य पुलक सागर ने रविवार को नारायण सेवा संस्थान के माली कॉलोनी स्थित नवनिर्मित परिसर ‘वर्ल्ड ऑफ ह्यूमैनिटी’ में दिव्यांगजन के लिए संचालित निःशुल्क सेवा प्रकल्पों का अवलोकन किया एवं एसआरजी ग्रुप के गेंदालाल–पुष्पादेवी तथा विनोद–सीमा देवी फान्दोत परिवार के सौजन्य से निर्मित कृत्रिम अंग निर्माण कार्यशाला का उद्घाटन किया।
पुलक सागर की अगवानी प्रवेश द्वार पर परंपरागत पाद-प्रक्षालन कर संस्थान के संस्थापक कैलाश ‘मानव’, कमलादेवी, अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल एवं वंदना अग्रवाल ने की। राष्ट्रसंत के साथ दिगंबर जैन समाज के पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं भी उपस्थित थीं। एक दिव्यांग शिक्षिका द्वारा सूखे रंगों से फर्श पर बनाए गए चित्र को देखकर पुलक सागर जी अत्यंत प्रभावित हुए तथा उन्होंने शिक्षिका को आशीर्वाद प्रदान किया।
उन्होंने मूक-बधिर एवं दृष्टिबाधित बालकों के विद्यालय तथा उनके द्वारा निर्मित हस्तशिल्प की भी सराहना की। निःशुल्क ऑपरेशन हेतु देश के विभिन्न राज्यों से आए दिव्यांगजनों के लिए संचालित रोजगारोन्मुख प्रशिक्षणों का अवलोकन कर प्रशिक्षणार्थियों को सुखद जीवन का आशीर्वाद दिया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यदि आज मैं यहां नहीं आता, तो मेरा चातुर्मास अधूरा रह जाता। यहां जो मैंने देखा, उसे देखकर शब्द मौन हो गए। दिव्यांगजनों की पीड़ा और सेवा भाव को देखकर ऐसा प्रतीत हुआ मानो मैं सम्मेद शिखर के पावन तीर्थ में आ गया हूं। नारायण सेवा संस्थान सेवा का ऐसा महाकुंभ है, जहां पीड़ितों और दुखियों का जीवन बदल जाता है। इसके लिए संस्थापक कैलाश ‘मानव’ अभिनंदनीय हैं, जिन्होंने अपना सर्वस्व समाज को समर्पित कर दिया। वे केवल मानव नहीं, बल्कि महामानव हैं। संस्थान परिवार की ओर से आचार्यश्री को अभिनंदन पत्र भी भेंट किया गया।
संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल एवं निदेशक वंदना अग्रवाल ने उदयपुर चातुर्मास समिति के पदाधिकारियों तथा फान्दोत परिवार का अभिनंदन किया।
इस अवसर पर संस्थान के ट्रस्टी देवेंद्र चौबीसा, मीडिया प्रभारी विष्णु शर्मा हितैषी, जनसंपर्क प्रमुख भगवान प्रसाद गौड़, महिम जैन, दिनेश वैष्णव, रोहित तिवारी एवं बंशीलाल मेघवाल भी उपस्थित रहे।
