बीमा कंपनी का माना सेवा दोष .बीमा क्लेम राशि 33 लाख देने के आदेश


उदयपुर, 16 जनवरी। राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग की उदयपुर सर्किट बैंच ने गुरूवार को अपने एक निर्णय में मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को बीमा क्लेम के 33 लाख रुपये बीमित की पत्नी को अदा करने के आदेश दिए हैं।

प्रकरण के अनुसार राजसमंद की भीम तहसील के चौनपुरा बाडिया गांव निवासी महावीर सिंह ने मैक्स लाईफ इंश्योरेंस कंपनी से सुपर लाईफ प्रीमियर प्लान के तहत बीमा करवाया था। इसमें बीमित का 30 लाख रुपए का बीमा था। बीमा करवाने के बाद 25 दिनों में बीमित महावीर सिंह की मृत्यु हो गई। बाद में महावीर सिंह की पत्नी श्रीमती लहरी रावत ने बीमा कंपनी में क्लेम प्रस्तुत किया, लेकिन कंपनी द्वारा यह कहकर क्लेम खारिज कर दिया कि बीमित व्यक्ति ने बीमा लेते वक्त अपने रोग सिलिकोसिस को छुपाया था। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, राजसमन्द ने भी बीमित व्यक्ति का क्लेम खारिज किये जाने को उचित ठहराया था।

राज्य आयोग के सदस्य एस०के० जैन एवं शैलेन्द्र भट्ट ने प्रकरण की सुनवाई करते हुए पाया कि बीमा कंपनी द्वारा बीमा पॉलिसी लेते समय जो प्रस्ताव पत्र भरा जाता है, वह प्रस्तुत नहीं किया गया जिससे यह ज्ञात हो सके कि मृतक को क्या प्रश्न पूछे गये थे व उसने क्या उत्तर दिये थे। इस प्रकार बीमा कंपनी यह प्रमाणित नहीं कर सकी कि मृतक ने कोई तथ्य छुपाये थे। राज्य आयोग ने राजसमन्द उपभोक्ता आयोग के निर्णय को रद्द कर बीमा कंपनी को सम्पूर्ण बीमाधन 30 लाख रूपये मय ब्याज के अदा करने के आदेश दिए। साथ ही 25 हजार रूपए देने के आदेश दिये।

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