व्यक्ति का अपने किए कर्म का फल भोगना निश्चित : आचार्य महाश्रमण

व्यक्ति का अपने किए कर्म का फल भोगना निश्चित : आचार्य महाश्रमण
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उदयपुर, । तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम अधिशास्ता आचार्य महाश्रमण अपनी धवल वाहिनी के साथ त्याग, शौर्य, और बलिदान की वीर भूमि मेवाड़ में अहिंसा यात्रा के माध्यम से अपने चरण आगे गतिमान कर रहे हैं।

श्री मेवाड़ जैन श्वेताम्बर तेरापंथी कांफ्रेंस के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने बताया कि आचार्य महाश्रमण 21 नवम्बर को प्रात:काल कीका भाई धर्मशाला केसरिया जी से विहार कर ऋषभ संस्थान परसाद पधारे। शाम को पुन: विहार कर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बारां पधारे। मार्ग में श्रावक-श्राविकाओं द्वारा आचार्य संघ की धवल वाहिनी का स्वागत किया गया। आज परसाद में सलूंबर विधायक शांता देवी ने आचार्य महाश्रमण के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। आचार्य महाश्रमण का अपनी धवल वाहिनी के साथ 22 नवम्बर को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय टीडी के लिए विहार करेंगे।

फत्तावत ने बताया कि शुक्रवार को केसरियाजी से विहार के मध्य वरदान सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आचार्य महाश्रमण का पधारना हुआ जहां विद्यालय के निदेशक विकास जैन ने आचार्य महाश्रमण का स्वागत अभिनंदन किया। आचार्य महाश्रमण ने विद्यालय शिक्षकों और विद्यार्थियों को उत्कृष्ट जीवन की प्रेरणा दी। जैसे जैसे आचार्य महाश्रमण मेवाड़ में आगे पधार रहे हैं वैसे वैसे मेवाड़ के अलग अलग क्षेत्रों के श्रावक श्राविकाओं का दर्शन, सेवा, उपासना हेतु आना लगा हुआ है। साथ ही मेवाड़ कांफ्रेंस के अनेक कार्यकर्ता अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए सुचारू रूप से मेवाड़ यात्रा में अपनी सेवाएं लगातार दे रहे है।

आचार्य महाश्रमण ने विहार के बाद उपस्थित जनसमुदाय को अमृत देशना देते हुए फरमाया कि कर्मवाद के सिद्धांत का संक्षेप में सार है कि मनुष्य को फल भोगना पड़ता है। इसलिए आत्मकल्याण के लिए व्यक्ति को पापकारी प्रवृत्तियों से बचना चाहिए। हमें यथासंभव किसी की बुराई करने से बचना चाहिए। जितना हो सके व्यक्ति को अपने कर्मों की निर्जरा करते रहनी चाहिए। ताकि व्यक्ति के अशुभ कर्म कम हो सके। कर्मों की निर्जरा के लिए धर्म, साधना और सेवा का माध्यम है जिसके जरिए शुभ कर्मों का उदय हो सकता है।

आज के कार्यक्रम में सलूंबर विधायक शांता देवी, सकल जैन समाज परसाद के अध्यक्ष हेमराज कोठारी,ऋषभ संस्थान परसाद के प्रधानाचार्य और ट्रस्टी शैलेन्द्र पंड्या, विद्यालय ट्रस्टी ठाकुर मोहन सिंह , हरिसिंह राणावत, हरीश तेली,राजेंद्र तेली, जैन समाज परसाद के निर्मल जैन, ललित जैन, भास्कर जैन का साहित्य समर्पण उपरना और स्मृति चिन्ह से सम्मान प्रकाश आच्छा, दिलीप बडोला,सुनील हिंगड, जसराज सोनी, ललित मेहता, विनय कोठारी, सुरेश दक, बलवंत रांका ने किया। अंत में उपस्थित जन समुदाय को मंगल पाठ का श्रवण करवाया गया।

मार्ग सेवा में किशनलाल डागलिया, राजकुमार फत्तावत, भूपेंद्र चोरडिय़ा , बलवंत रांका ,कमलेश कच्छारा, सूर्य प्रकाश मेहता, विनोद मांडोत ,महावीर मेडतवाल, ज्ञान बडोला, हर्ष नवलखा, कमल बीकानेरिया, शांतिलाल कोठारी, अनिल बडोला, अंकित परमार, ज्ञानचंद मादरेचा, चंद्रेश फत्तावत,सुनील मुनोत,वैभव चौधरी,अक्षत पोरवाल सहित अनेकों कार्यकर्ता आचार्य महाश्रमण की मार्ग सेवा में सहभागी रहे।

- आचार्य महाश्रमण 25 व 26 नवम्बर को उदयपुर में

आचार्य महाश्रमण 25 व 26 नवम्बर को उदयपुर, 29 नवम्बर को नाथद्वारा, 30 नवम्बर को कांकरोली, 1 दिसम्बर को राजसमंद, 2 दिसंबर को केलवा, 5 दिसम्बर को दिवेर आदि मेवाड़ के मुख्य क्षेत्रों में प्रवासित रहेंगे। जहां सम्बंधित क्षेत्रों की तेरापंथी सभाएं आचार्य संघ की अगवानी करते हुए धार्मिक, आध्यात्मिक व सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन करेगी।

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