जैसे सूर्य उदय होने पर अंधकार मिट जाता है, वैसे ही मंदिर जाकर जीव के भीतर का तम नष्ट होता है : आचार्य पुलक सागर

जैसे सूर्य उदय होने पर अंधकार मिट जाता है, वैसे ही मंदिर जाकर जीव के भीतर का तम नष्ट होता है : आचार्य पुलक सागर
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उदयपुर। श्री पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन उदासीन आश्रम, अशोक नगर में आज राष्ट्रसंत 108 आचार्य पुलक सागर जी महाराज का पावन प्रवास हुआ। पुलक मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद फान्दोत ने बताया कि समाजजनों की बड़ी उपस्थिति के बीच यह कार्यक्रम भक्ति, अनुशासन और आध्यात्मिक गरिमा के साथ सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत विद्याप्रमाण कन्या छात्रावास की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत मंगलाचरण से हुई, जिसने समारोह का शुभारंभ आध्यात्मिक स्वर में किया। आचार्यश्री का पाद-प्रक्षालन मानक लुहाडिय़ा परिवार द्वारा किया गया। शास्त्र भेंट का सौभाग्य प्रमोद चौधरी परिवार को प्राप्त हुआ, जबकि पूजा-अर्चना विमल गोधा परिवार द्वारा सम्पन्न की गई। इसके पश्चात आचार्यश्री ने अपने प्रवचन में प्रतिदिन मंदिर जाने के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मंदिर जाना केवल धार्मिक कर्तव्य नहीं, बल्कि आत्मविकास और मानसिक शांति की अनिवार्य साधना है। उनकी पावन वाणी ने उपस्थित जनों को गहराई से प्रभावित किया। आहार-चर्या का लाभ महेंद्र, नरेंद्र, अमित टाया परिवार को प्राप्त हुआ। स्वामी वात्सल्य के पुण्यर्थी भी टाया परिवार ही रहे।

आचार्य पुलक सागर महाराज ने प्रवचन में कहां कि मंदिर जाना भगवान के जन्म कल्याणक को स्मरण करना है। देवदर्शन आत्मा की शुद्धि और मन की शांति का माध्यम है। जैसे सूर्य उदय होने पर अंधकार मिट जाता है, वैसे ही मंदिर जाकर जीव के भीतर का तम नष्ट होता है। संध्या समय आश्रम परिसर में भव्य आनंद यात्रा निकाली गई, जिसके पश्चात दिव्य दीप-आरती आयोजित हुई। दीपों की रौशनी और भक्ति गीतों की स्वर-लहरियों ने पूरे परिसर को आध्यात्मिक वातावरण से भर दिया। बड़ी संख्या में समाजजन शामिल रहे। शुक्रवार को कलश स्थापना कल प्रातः: 11.30 बजे, आचार्यश्री द्वारा शुभ कलश स्थापना का दिव्य और मंगल कार्य सम्पन्न किया जाएगा। यह कार्यक्रम महेंद्र टाया के निवास पर आयोजित होगा। समाज के सभी सदस्यों से समय पर उपस्थित होकर पुण्य लाभ लेने का अनुरोध किया गया है। कार्यक्रम में दिगम्बर जैन समाज के प्रमुख श्रावकों सहित अन्य समाजों के अनेक गणमान्य नागरिक भी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर जीतो एपेक्स सकेटरी सीए डॉ. महावीर चपलोत तथा अन्य विशिष्ट श्रावक भी उपस्थित रहे, जिन्होंने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। समापन में आचार्यश्री से आशीर्वाद लेकर उपस्थित श्रद्धालुओं ने आत्मशांति, सद्चर्या और धर्मबल के पथ पर दृढ़ रहने का संकल्प लिया।

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