प्रभु को याद करने के लिए प्रेम बढ़ाते जाओ : साध्वी जयदर्शिता

उदयपुर, । तपागच्छ की उद्गम स्थली आयड़ जैन मंदिर में श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के तत्वावधान में कलापूर्ण सूरी समुदाय की साध्वी जयदर्शिता , जिनरसा , जिनदर्शिता व जिनमुद्रा महाराज आदि ठाणा की चातुर्मास सम्पादित हो रहा है। महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि गुरुवार को आयड़ तीर्थ के आत्म वल्लभ सभागार में सुबह 7 बजे साध्वियों के सानिध्य में ज्ञान भक्ति एवं ज्ञान पूजा, अष्ट प्रकार की पूजा-अर्चना की गई। सभी श्रावक-श्राविकाओं ने जैन ग्रंथ की पूजा-अर्चना की। नाहर ने बताया कि बाहर से दर्शनार्थियों के आने का क्रम निरंतर बना हुआ है, वहीं त्याग-तपस्याओं की लड़ी जारी है।
आयड़ तीर्थ के आत्म वल्लभ सभागार में गुरुवार को आयोजित धर्मसभा में साध्वी जयदर्शिता श्रीजी ने प्रवचन में बताया कि शरीर का एक भी कार्य स्वाधीन नहीं है और आत्मा का एक भी कार्य पराधीन नहीं है क्योंकि उसमें पर-पदार्थ की जरूरत नहीं। प्रेम के बिना जिया जा सकता है पर प्रेम में दिये बिना रहा नहीं जा सकता। जगत को माफ करने के लिए सहनशक्ति बढ़ाते जाओ और प्रभु को याद करने के लिए प्रेम बढ़ाते जाओ। सरलता से होने वाले पाप को छोड़ते जाओ और मुश्किल से संघर्ष से होने वाले धर्म को बढ़ाते जाओ। दान-शील और तप नहीं करने वाला शासन में रह सकता है पर माफी नहीं देने वाला कभी भी शासन में नहीं रह सकता। इस संसार में सभी दुखी हैं कोई रोग के कारण तो कोई संतान न होने के कारण, कोई सास बहू से दुखी हैं तो कोई बहु सास से दुखी, पति पत्नी से तो पत्नी पति से दुखी, गरीब रुपया कमाने की चिंता में दुखी तो धनवान रुपया संभालने की चिंता में दुखी; अर्थात सुखी कोई नहीं। यह संसार जन्म, बुढ़ापा,मरण आदि दुख रूपी आग में जल रहा है। मनुष्य जीवन की पीड़ाओं के साक्षात दर्शन करने हो तो किसी एक अस्पताल में जाकर देखें कि लोग कैसे-कैसे भयंकर रोगों से घिरे हुए हैं। कोई हार्ड का मरीज है, तो कोई किडनी का, कोई कैंसर का,किसी के हाथ कटे है तो किसी के पैर। महासती ने आगे कहा दुनिया में धन और सांसारिक साधनों में हम सुख मानते हैं परंतु यह हमारी भ्रांति है।
इस अवसर पर कुलदीप नाहर, भोपाल सिंह नाहर, अशोक जैन, पारस पोखरना, राजेन्द्र जवेरिया, प्रकाश नागौरी, दिनेश बापना, अभय नलवाया, कैलाश मुर्डिया, चतर सिंह पामेच, गोवर्धन सिंह बोल्या, सतीश कच्छारा, दिनेश भंडारी, रविन्द्र बापना, चिमनलाल गांधी, प्रद्योत महात्मा, रमेश सिरोया, कुलदीप मेहता आदि मौजूद रहे।
