खाद्य सुरक्षा योजना में 70 लाख से अधिक नए पात्र लोगों को किया शामिल

जयपुर, । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अन्त्योदय की संकल्पना को साकार करने की दिशा में प्रदेश में नीतियां, नवाचार और योजनाएं गरीब, कमजोर, श्रमिक और जनजातीय समुदायों के विकास को समर्पित हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने सुनिश्चित किया है कि योजनाओं का लाभ हर वंचित और जरूरतमंद तक पहुंचे और उनके जीवन में स्थाई और सार्थक परिवर्तन लाया जा सके।
राज्य सरकार ने सुनिश्चित किया कि दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों को सरकार से जुड़े कार्यों और योजनाओं का लाभ लेने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ें। इसके लिए प्रदेश भर में 24 जून से 9 जुलाई 2025 तक पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा आयोजित किया गया। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लगाकर लोगों को योजनाओं में जोड़ा गया तथा भूमि विवादों का निपटारा, बीपीएल सर्वे, जल संरक्षण, कृषि सहायता जैसे काम हाथों हाथ किये गए। शिविरों में लोगों के वर्षों से लंबित काम पूरी पारदर्शिता और तत्परता से करवाए गए। यह शिविर राज्य सरकार की नई कार्य संस्कृति, जनकल्याण और संवेदनशीलता की भावना के परिचायक बने।
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के कुशल मार्गदर्शन में राज्य में कमजोर वर्गों की आजीविका को सुरक्षित करने, उन्हें आवश्यक सुविधाएँ प्रदान करने और उनके आर्थिक-सामाजिक स्तर को ऊपर उठाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और सामुदायिक विकास को विशेष पहलों के माध्यम से गति दी जा रही है। राज्य की डबल इंजन सरकार में श्रमिकों को सुरक्षा, सम्मान और आर्थिक संबल मिला है। प्रदेश में बेघर एवं घुमन्तु परिवारों को पट्टों का आवंटन सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हो रहा है।
निर्माण श्रमिकों को 806 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता
प्रदेश में डबल इंजन की सरकार श्रमिकों की सुरक्षा एवं कल्याण के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। प्रदेश में गत दो वर्षों में 17 लाख 41 हजार श्रमिकों का ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण किया गया है। इसी प्रकार पीएम श्रम योगी मानधन योजना में 24 हजार 191 श्रमिकों ने पंजीकरण कराया है। निर्माण श्रमिकों के सशक्तिकरण और उन्हें योजनाओं का लाभ देने के लिए 3 लाख 50 हजार नए निर्माण श्रमिकों को पंजीकृत किया गया है। साथ ही 7 लाख 22 हजार निर्माण श्रमिकों को 806 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। राज्य सरकार द्वारा श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी में 26 रुपये प्रतिदिन की वृद्धि कर उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
15 करोड़ से अधिक को मिली 8 रुपये में भोजन की थाली
राज्य सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश का कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति बुनियादी सुविधाओं और कल्याणकारी योजनाओं से वंचित न रहे। इसलिए सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करते हुए राज्य सरकार ने खाद्य सुरक्षा योजना में मात्र दो वर्षों में ही 70 लाख से अधिक नए पात्र लोगों को शामिल किया है, इससे जरूरतमंद परिवारों को कम कीमत पर खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है। श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना के तहत गत दो वर्षों में मात्र 8 रुपये में 15 करोड़ से अधिक पौष्टिक भोजन की थालियां परोसी जा चुकी हैं। इस पहल से श्रमिकों, मजदूरों, छात्रों और निर्धन परिवारों को बड़ी राहत मिल रही है।
घुमन्तु, अर्द्ध-घुमन्तु आदि समुदायों के 22 हजार से अधिक परिवारों को आवासीय पट्टे
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत गत दो वर्षों में ठेला या फेरी लगाकर आजीविका कमाने वाले 87 हजार 346 लोगों को लाभान्वित किया गया है। योजना के तहत इन्हें बिना किसी गारंटी के ऋण दिया जा रहा है, जिससे वे अपने छोटे व्यवसायों को पुनर्जीवित कर सकें और विस्तार दे सकें। इस योजना के माध्यम से छोटे उद्यमियों को आर्थिक मजबूती मिल रही है, वे आत्मनिर्भर बन रहे हैं। राज्य सरकार ने विमुक्त, घुमन्तु, अर्द्ध-घुमन्तु समुदायों तथा बीपीएल परिवारों के आवासहीन व्यक्तियों को भूमि आवंटित करने का ऐतिहासिक कदम उठाया है। गत दो वर्षों में लगभग 22 हजार 323 पात्र परिवारों को आवासीय पट्टे आवंटित किए जा चुके हैं।
जनजातीय समुदायों के उत्थान के लिए हो रहे हर संभव प्रयास
राज्य सरकार जनजातीय क्षेत्रों के विकास को विशेष प्राथमिकता दे रही है। जनजातीय समाज को सशक्त बनाने के लिए आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत 5 हजार 947 ग्रामों के विलेज एक्शन प्लान स्वीकृत किए गए हैं। प्रदेश में 5 हजार 773 आदि सेवा केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। यह केंद्र एकल खिड़की सेवा के रूप में कार्य कर रहे हैं। यहां ग्रामीण विभिन्न विभागों से संबंधित सेवाएं एक ही जगह पा सकते हैं।
प्रदेश में जनजाति उत्थान के लिए प्रदेश में धरती आबा जन जातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत प्रदेश के 6019 गांवों का चयन कर वहां शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और आजीविका से संबंधित योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में जनजाति बहुल 20 जिलों में 135 नए आंगनवाड़ी केंद्र भी संचालित किए गए हैं।
राज्य सरकार द्वारा जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर राज्य के वन क्षेत्रों में सामुदायिक पट्टों, चारागाह विकास और अन्य कल्याणकारी कार्यों को गति दी गई। प्रदेश में 530 वनधन विकास केंद्रों के माध्यम से 1 लाख 53 हजार महिला सदस्यों को लाभान्वित किया गया है। जनजातीय क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विकास के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक उन्नति के कार्य निरंतर किए जा रहे हैं।
जीवन ज्योति बीमा से श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित
राज्य सरकार श्रम सुधारों की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। प्रदेश में श्रम संबंधी चार संहिताओं- सामाजिक सुरक्षा संहिता, औद्योगिक संबंध संहिता, स्वास्थ्य एवं कार्य-सुरक्षा संहिता तथा मजदूरी संहिता के नियमों का पुनः प्रकाशन प्रक्रियाधीन है। इन सुधारों से राज्य में श्रमिकों के लिए सरल और प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित हो सकेगी। श्रमिकों के जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा समस्त 25 हजार 535 लाइसेंसधारी पल्लेदारों और हम्मालों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना से जोड़ा गया है। इनमें प्रदेश की कृषि उपज मंडी समितियों में कार्य कर रहे 17 हजार 802 लाइसेंसधारी पल्लेदार औऱ हम्माल श्रमिक शामिल हैं।
