लोकसभा में नियम 377 के तहत सांसद डॉ रावत ने दिया था सुझाव

उदयपुर। स्वदेशी खनन उपकरणों को बढ़ावा देने के संबंध में सांसद मन्नालाल रावत की ओर से लोकसभा में नियम 377 के अंतर्गत उठाए गए मुद्दों तथा सुझावों का स्वागत करते हुए केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के प्रति सरकार पूरी तरह प्रतिबद्द है।
उल्लेखनीय है कि सांसद डॉ रावत ने लोकसभा में नियम 377 के तहत स्वदेशी खनन उपकरणों को बढ़ावा देने के लिए भारतीय कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का सुझाव दिया था। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय खनिज खोज न्यास (एनएमईटी), खनिज गवेषण कार्यकलापों को बढ़ावा देने के लिए मशीनरी, उपकरण और सॉफ्टवेयर की खरीद के लिए राज्य के डीजीएम और जीएसआई, आईबीएम, एमईसीएल और सीएमपीडीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों को वित्तीय सहायता प्रदान करता रहा है। जबकि एजेंसियों को मेक इन इंडिया उत्पादों को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह देखा गया है कि कुछ उन्नत उपकरण जैसे डब्ल्यूडी-एक्सआरएफ, डिजिटल कोर स्कैनर और इसी तरह के उच्च-स्तरीय उपकरण घरेलू स्तर पर निर्मित नहीं होते हैं और इसलिए उन्हें आयात करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी खनन उपकरणों को बढ़ावा देने के संबंध में डॉ रावत के सुझाव बहुमूल्य हैं और इनका स्वागत है। भारत सरकार आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और खनिज अन्वेषण एवं खनन सहित सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मेक इन इंडिया पहल को प्रोत्साहित करती रहेगी।
