नेशनल फॉक फेस्टिवल संभाग स्तरीय का शिल्पग्राम में आयोजन

नेशनल फॉक फेस्टिवल संभाग स्तरीय का शिल्पग्राम में आयोजन
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उदयपुर,। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर की ओर से विलुप्त लोक कलाओं पर संभाग स्तरीय नेशनल फॉक फेस्टिवल का आयोजन बुधवार को बंजारा रंगमंच शिल्पग्राम में किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा थे।

पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर के निदेशक फुरकान खान ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा विलुप्त हो रही कलाओं के संरक्षण हेतु किए जा रहे प्रयासों के तहत बुधवार को शिल्पग्राम के बंजारा रंगमंच में विलुप्त कलाओं पर नेशनल फॉक फेस्टिवल (विलुप्त लोक एवं जनजातिय कला महोत्सव) का आयोजन किया गया। इसमें विलुप्त होती कला जोगी गायन गलालेंग जो कि राजस्थान की लोककला-लोकगाथा है, वागड़ से आए केवलनाथ द्वारा प्रस्तुत किया गया। उसके बाद तुर्रा कलंगी पर चित्तौड़ से लक्ष्मी नारायण रावल ने राजस्थान की 500 वर्ष पुरानी लोक कला पर शिव शक्ति की आराधना स्वरूप प्रस्तुति दी। उसके बाद बाड़मेर एवं जैसलमेर से आए कोहिनूर मांगणियार दल द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी गई। उसके बाद अनीता छाबड़ा द्वारा चकरी नृत्य की प्रस्तुति दी गई। गवरी की प्रस्तुति गोगुंदा से आए केसुलाल एवं दल द्वारा दी गई। अंत में छोटा उदेपुर गुजरात से आए कंचन राठवा ने राठवा नृत्य प्रस्तुत किया। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम का संचालन वृंदा प्रधान अजमेरा ने किया। अंत में आभार सिद्धांत भटनागर ने किया। इस अवसर पर केन्द्र के उपनिदेशक (कार्यक्रम) पवन अमरावत, सहायक निदेशक (वित्तीय एवं लेखा) दुर्गेश चांदवानी, कार्यक्रम एग्जीक्यूटिव हेेमंत मेहता, अधीक्षण अभियंता सी.एल. सालवी आदि उपस्थित थे।

मुख्य अतिथि उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने बताया कि पश्चिम सांस्कृतिक केन्द्र सदैव कलाओं के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए नवाचार करता रहता है। इसी क्रम में केन्द्र द्वारा विलुप्त होती लोक कला को प्रोत्साहित करने तथा आमजन तक पहुंचाने का कार्य किया। उन्होंने सभी कलाकारों के उज्जवल भविष्य एवं सुख स्वास्थ्य की कामना की। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छता ही सेवा अभियान तथा गांधी जी का सपना स्वच्छता को अपनाने के लिए आह्वान किया। स्वच्छ भारत बनाने का सपना साकार किया जाए। उन्होंने कहा कि साल के 100 घंटे सभी व्यक्ति स्वच्छता के लिए श्रमदान करें।

विलुप्त कलाओं पर क्राफ्ट प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण:

साथ ही कावड़ कला के बारे में बाल कृष्ण बिसायती द्वारा प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण दिया गया। मोलेला कला के बारे में घासीराम ने चाक पर मिट्टी से दीए, बर्तन आदि सामग्री बनाना सिखाया। सांझी कला के बारे में रेणु माली ने गोबर से पारंपरिक तरीके से सांझी बनाने की विधि बताई। कला जिज्ञासुओं ने शिल्पग्राम में आकर कलाकारों के साथ बातचीत कर इस कला के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त की तथा स्वयं उस कलाकारी को करके इसकी बारिकियां जानी। इस कार्यक्रम में मीरा गर्ल्स कॉलेज, सेंट पॉल स्कूल, सेठ मथुरादास बिनानी राजकीय महाविद्यालय नाथद्वारा से विद्यार्थियों ने भी भाग लिया।

लीथोग्राफी प्रिंट मेकिंग चित्र प्रदर्शनी:

साथ ही पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर द्वारा बागोर की हवेली में 24 से 30 सितम्बर 2024 तक आयोजित सात दिवसीय लीथोग्राफी कार्यशाला में बनाए गए खूबसूरत चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई। इस कला प्रदर्शनी में करीब 20 प्रतिभागियों ने भाग लिया था। इस कार्यशाला के विशेषज्ञ जानी यश राजेश कुमार एवं उत्पल प्रजापति थे। इस कार्यशाला के समापन अवसर पर बुधवार को शिल्पग्राम में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की तथा लगातार मेहनत करने के लिए कहा।

शिल्पग्राम में महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर श्रमदान:

पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर की ओर से स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत शिल्पग्राम परिसर की साफ-सफाई उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा सहित कलाकारों, विजिटर्स एवं केन्द्र के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा की गई। इस दौरान शिल्पग्राम में उपस्थित पर्यटकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया।

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