राष्ट्रीय लोक अदालतः लगभग 5 लाख प्रकरण निस्तारित लगभग 21 करोड से अधिक के अवार्ड पारित

राष्ट्रीय लोक अदालतः लगभग 5 लाख प्रकरण निस्तारित लगभग 21 करोड से अधिक के अवार्ड पारित
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उदयपुर, । राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं माननीय सदस्य सचिव राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के तत्वावधान में उदयपुर जिले में ज्ञान प्रकाश गुप्ता अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उदयपुर के निर्देशन में राष्टी्रय लोक अदालत का आयोजन किया गया ।

कुलदीप शर्मा एडीजे एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उदयपुर ने बताया कि उदयपुर मुख्यालय के न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण एवं पक्षकरों की गरीमामय उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलन के साथ दिनांक 10 मई 2025 को राष्ट्रीय लोक अदालत का विधिवत शुभारंभ किया किया गया। दिनांक 10 मई 2025 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में राष्ट्रीय लोक अदालत में लगभग 5 लाख प्रकरण निस्तारित लगभग 21 करोड रूपये से अधिक के अवार्ड पारित ।

कुलदीप शर्मा एडीजे एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उदयपुर ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रकरण का निस्तारण होने पर प्रकरण का हमेशा के लिए निस्तारण हो जाता है । निस्तारित प्रकरण की अपील नहीं होती है । राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रकरण का निस्तारण होने पर पक्षकारों द्वारा दी गई कोर्ट फीस पुनः लोटा दी जाती है । राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रकरण का निस्तारण होने से पक्षकारों में आपसी भाईचारे एवं सोहार्द की भावना बनी रहती है ।

राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन के समय अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधिशाषी अभियंता राजस्व अधिकारी एवं जिला मुख्यालय अजमेर डिस्काम के समस्त सहायक अभियंता एवं सहायक राजस्व अधिकारी देबारी, गिर्वा, मादडी, अशोक नगर, अम्बामाता, सवीना, पावर हाउस प्रथम एवं पावर हाउस द्वितीय, बडगांव, कुराबड, मधुवन, सेक्टर न. 4, एवं विद्युत विभाग के अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे । युनियन बैंक, एस.बी.आई., इन्डियन बैंक, बजाज फाईनेन्स, बैंक ऑफ बडौदा, पजांब नेशनल बैंक, एस.बी.आई. कार्ड, आर.एम.जी.बी., हिरो फिन कोर्प, आई.सी.आई.सी.आई., बैंक ऑफ इण्डिया, उद्गम कॉमर्सियल, अर्श इन्फो, युको बैंक, सुन्दरम फाइनेन्स, श्रीराम फाइनेन्स, आर.बी.एल.फिन.सर्व, केनरा बैक के प्रतिनिधि उपस्थित रहे । कुलदीप शर्मा एडीजे एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उदयपुर ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु उदयपुर मुख्यालय एवं तहसीलों पर स्थित न्यायालयों पर बेंचां का गठन किया गया था । राजस्व न्यायालयों की भी बैंचों का गठन किया गया ।

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