सत्य की खोज व्यक्ति स्वयं करे तभी जीवन में शांति संभव : आचार्य महाश्रमण

सत्य की खोज व्यक्ति स्वयं करे तभी जीवन में शांति संभव : आचार्य महाश्रमण
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उदयपुर,। तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम अधिशास्ता आचार्य महाश्रमण अपनी धवल वाहिनी के साथ त्याग, शौर्य, और बलिदान की वीर भूमि मेवाड़ में अहिंसा यात्रा के माध्यम से नशामुक्ति , नैतिकता और सद्भावना का संदेश देते हुए विभिन्न क्षेत्रों का विचरण कर रहे हैं।

मेवाड़ जैन श्वेताम्बर तेरापंथी कांफ्रेंस के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने बताया कि आचार्य महाश्रमण 22 नवम्बर को प्रात: राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बारां से विहार करके राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय टीडी पधारे। आचार्य महाश्रमण का अपनी धवल वाहिनी के साथ 23 नवम्बर को काया के लिए विहार करेंगे।

फत्तावत ने बताया कि जैसे जैसे आचार्य महाश्रमण मेवाड़ में आगे पधार रहे हैं वैसे वैसे मेवाड़ के श्रावक श्राविकाओं का उत्साह बढ़ता जा रहा है। नियमित रूप से मेवाड़ के अनेकों श्रावक श्राविकाये आचार्य महाश्रमण के दर्शनार्थ आने का क्रम बना हुआ है। आचार्य महाश्रमण की अहमदाबाद से लेकर दिवेर तक की एक माह की यात्रा का सम्पूर्ण दायित्व निर्वहन मेवाड़ जैन श्वेताम्बर तेरापंथी कांफ्रेंस द्वारा किया जा रहा है। मेवाड़ कांफ्रेंस के अनेक कार्यकर्ता अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए सुचारू रूप से मेवाड़ यात्रा में अपनी सेवाएं लगातार दे रहे है।

आचार्य महाश्रमण ने विहार के बाद उपस्थित जन समुदाय और विद्यालय के शिक्षकों और विद्यार्थियों को अमृत देशना देते हुए फरमाया कि व्यक्ति सत्य को स्वयं खोजे। किसी की सुनी सुनाई बात पर विश्वास नहीं करना चाहिए ।सभी प्राणियों के साथ मैत्री का व्यवहार रखे। आज के इस वैज्ञानिक युग में कई तरह की खोज और अनुसंधान किए जाते है और उपलब्धि हासिल होती है । लेकिन सत्य की खोज के लिए अपने भीतर जाना आवश्यक है। सत्य की खोज अपने विवेक, समझदारी पर निर्भर करती है। साधना के माध्यम से सच्चाई की प्राप्ति हो सकती है। व्यक्ति को पापकारी प्रवृत्तियो से बचने का प्रयास करना चाहिए। व्यक्ति को केवल नींद से जागना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि भीतर से जागना भी आवश्यक है। भीतर की जागृति तभी हो सकती है जब राग और द्वेष से पार पाया जा सके।

15 नवंबर को दिवंगत तेरापंथ धर्मसंघ की शासन साध्वी विनय द्वितीय जिनका शांतिपूर्वक स्वर्गवास हो गया था उनकी स्मृति सभा का आयोजन किया गया। आचार्य महाश्रमण द्वारा साध्वी विनय का संक्षिप्त परिचय बताया गया। 4 लोगस्स पाठ के ध्यान के साथ श्रद्धांजलि दी गई। स्मृति सभा में मुख्य मुनि महावीर कुमार, साध्वी प्रमुखा विश्रुत विभा ने अपनी भावनाएं व्यक्त की।

आज के कार्यक्रम में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय टीडी के प्रिंसिपल दीपिका पंड्या, वाइस प्रिंसिपल चंदा चौधरी, चंचल पालीवाल, सुनील सिंघवी, सुमित गर्ग का साहित्य समर्पण उपरना और स्मृति चिन्ह से सम्मान बलवंत रांका ,जय पोरवाल, विकास बोथरा,विशाल दुग्गड,अंजू कच्छारा ने किया। अंत में उपस्थित जन समुदाय को मंगल पाठ का श्रवण करवाया गया।

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