राइजिंग राजस्थान एमओयू होल्डर्स को प्रत्यक्ष ही मिलेंगे औद्योगिक भूखण्ड

उदयपुर, । ‘‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट -2024‘‘ के संदर्भ में राज्य सरकार के साथ एमओयू निष्पादन करने वाले निवेशकों के लिए रीको द्वारा चिन्हित औद्योगिक क्षेत्रों में भूखण्ड के आरक्षित मूल्य पर औद्योगिक भूखण्डों के प्रत्यक्ष आवंटन योजना जारी कर दी गई है। ऐसे उद्यमी जिन्होंने30 अप्रेल 2025 तक राइजिंग राजस्थान में राज्य सरकार के साथ निवेश हेतु मैमोरेण्डम ऑफ अंडरस्टेडिंग (एमओयू) निष्पादित किया हो, वे इस योजना में आवेदन कर सकते हैं।
वरिष्ठ उप महा प्रबंधक एवं ईकाई प्रभारी रीको अजय पण्ड्या ने बताया कि इस योजना में राज्य के 98 रीको औद्योगिक क्षेत्रों में कुल 7109 औद्योगिक भूखण्ड आवंटन हेतु उपलब्ध हैं, जिनमें 6301 औद्योगिक भूखण्ड अनराक्षित श्रेणी के हैं। उक्त योजना के तहत उदयपुर जिले के 3 रीको औद्योगिक क्षेत्रों में 127 औद्योगिक भूखण्ड आवंटन हेतु उपलब्ध हैं। कलड़वास विस्तार, तहसील गिर्वा, उदयपुर 9, आमली तहसील मावली, उदयपुर 67, श्रीराम जानकी औद्योगिक क्षेत्र माल की टूस, तहसील वल्लभनगर में 51 भूखण्ड हैं। भूखण्ड आवंटन के लिए आवेदन की प्रक्रिया 15 मई 2025 से प्रारम्भ हो गई हैं, जिसके लिये आवेदक को मय प्रोजेक्ट रिपोर्ट 28 मई, 2025 तक ऑनलाईन आवेदन करना होगा। योग्य आवेदक रीको की वेबसाईट के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदक को भूखण्ड की कुल देय प्रिमियम राशि की 5 प्रतिशत राशि आवेदन के साथ ही ऑनलाईन माध्यम से रीको के बैंक खाते में जमा करानी होगी। एक भूखण्ड पर एक ही आवेदक होने पर सीधा आवंटन एवं एक से अधिक आवेदक होने पर ई-लॉटरी के माध्यम से आवंटन किया जाएगा। ई-लॉटरी दिनांक 05 जून, 2025 को प्रस्तावित हैं।
श्री पण्ड्या ने बताया कि भूखण्ड आवंटन विशेष शर्ता के अधीन किया जाएगा। इसके तहत ऐसे प्रोजेक्ट जिनको स्थापित करने के लिए पर्यावरण स्वीकृति आवश्यक नहीं है, उन आवंटियों को आवंटित भूखण्ड का कब्जा देने की तिथि अथवा डीम्ड कब्जा से 2 वर्ष में वाणिज्यिक उत्पादन प्रारम्भ करना होगा तथा ऐसे प्रोजेक्ट जिनको पर्यावरण स्वीकृति आवश्यक है, उनके लिए यह अवधि 3 वर्ष होगी। आवंटी को आवंटित भूखण्ड पर उत्पादन शुरू करने से पहले मध्यवर्ती अनुक्रमों का पालन करना आवश्यक होगा। इकाई को वाणिज्यिक उत्पादन में माने जाने के लिए भूखण्ड के क्षेत्रफल का न्यूनतम 30 प्रतिशत अथवा अनुज्ञेय बिल्डअप एरिया का न्यूनतम 30 प्रतिशत के समतुल्य निर्मित होना एवं भूखण्ड आवंटन के आवेदन के समय प्रस्तुत प्रोजेक्ट रिपोर्ट में वर्णित मदों में से भवन निर्माण एवं प्लान्ट एवं मशीनरी के मद में दर्शायी गई राशि का 75 प्रतिशत राशि का उत्पादन के समय स्थायी रूप से निवेश उपरोक्त मदों में निर्धारित / विस्तारित समयावधि में निवेश आवश्यक होगा।
आवंटित भूखण्ड में रिक्त/अनुपयोगी भूमि का हस्तान्तरण अनुज्ञेय नहीं होगा। आवंटित भूखण्ड का उप-विभाजन अनुज्ञेय नहीं होगा। आवंटी द्वारा आवंटित भूखण्ड को रीको को समर्पित करने की दशा में, आवंटी द्वारा जमा की गई भूमि की प्रीमियम राशि की 5 प्रतिशत राशि के समतुल्य एवं अनय देय शुल्कों की कटौती की जावेगी एवं शेष राशि वापिस की जावेगी। आवंटित भूखण्ड का निरस्तीकरण करने की दशा में आवंटी द्वारा जमा की गई भूमि की प्रीमियम की राशि से 10 प्रतिशत राशि की कटौती की जावेगी।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट-2024 का आयोजन 9-11 दिसम्बर, 2024 को किया गया था। समिट में करीब 35 लाख करोड़ रूपये के एमओयू निष्पादित किए गए। समिट में 32 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए। राइजिंग राजस्थान-2024 के समापन समारोह में मुख्यमत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा था कि राज्य सरकार राइजिंग समिट में हुए एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए पूरी शक्ति के तहत काम करेगी और इसी उद्देश्य को दृष्टिगत रखते हुए औद्योगिक क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए उक्त ‘‘प्रत्यक्ष भूखण्ड आवंटन योजना‘‘के अन्तर्गत औद्योगिक भूखण्डो के डायरेक्ट अलॉटमेन्ट का द्वितीय चरण प्रारम्भ किया गया हैं। जिसमें निवेशक अपने प्राजेक्ट हेतु नियमानुसार आनॅलाइन आवेदन कर रीको से औद्योगिक भूखण्डो का सीधा आवंटन प्राप्त कर सकते है।