पर्यटकों की सुरक्षा और सुविधा हो प्राथमिकता- जिला कलक्टर नमित मेहता

उदयपुर। जिला कलक्टर नमित मेहता की अध्यक्षता में बुधवार को जिला पर्यटन विकास समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक में उदयपुर में पर्यटन को बढ़ावा देने और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर विस्तृत चर्चा हुई। जिला कलक्टर नमित मेहता ने कहा कि पर्यटन के कारण उदयपुर ने पूरी दुनिया में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पर्यटकों की सुरक्षा हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
नाइट टूरिज्म की अपार संभावनाएं- जिला कलक्टर
नाईट टूरिज्म की अपार संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए जिला कलक्टर मेहता ने कहा कि उदयपुर में नाईट टूरिज्म के लिहाज से लोक परिवहन व्यवस्था, बाजार और अन्य आधारभूत सुविधाओं को विकसित करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि यह राज्य सरकार की बजट घोषणा भी है और इसके लिए समन्वित प्रयास किए जाने चाहिए। इस दौरान पर्यटन स्थलों का समय बढ़ाने, कैफेटैरिया, पर्यटन स्थलों पर लाइटिंग, नाइट मार्केट आदि पर चर्चा की गई।
फतहपुरा चौराहे पर होगा एआई बेस्ड ट्रेफिक मैनेजमेंट-
बैठक में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से यातायात प्रबंधन पर चर्चा करते हुए जिला कलक्टर ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में फतहपुरा चौराहे पर एआई बेस्ड ट्रेफिक मैनेजमेंट लागू करने के निर्देश दिए। यह व्यवस्था एक माह में लागू हो जाएगी। एआई सिस्टम वास्तविक समय में यातायात का विश्लेषण करेगा। यदि किसी विशेष दिशा में वाहनों की संख्या अधिक है, तो उस दिशा के लिए हरी बत्ती की अवधि बढ़ जाएगी। इससे जाम से छुटकारा मिलेगा। जिला कलक्टर ने सुझाव दिया कि ओल्ड सिटी और फतहसागर क्षेत्र को वीकेंड पर शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक पेडेस्ट्रियन जोन घोषित किया जा सकता है। इससे पर्यटकों को घूमने में अधिक सुविधा और सुरक्षा मिल सकेगी।
वाइल्ड लाइफ टूरिज्म सर्किट प्लान बनेगा-
वाइल्ड लाइफ टूरिज्म की संभावनाओं को देखते हुए जिला कलक्टर ने संभाग के चित्तौड़गढ़, राजसमंद व अन्य जिलों को मिलाकर एक इंटीग्रेटेड सर्किट प्लान तैयार करने का सुझाव दिया। उन्होंने डीएफओ को निर्देशित किया कि वाइल्ड लाइफ टूरिज्म सर्किट प्लान एक सप्ताह में तैयार किया जाए और इसे प्रमुख होटलों एवं पर्यटन स्थलों पर लगवाया जाए, ताकि पर्यटक आसानी से इसकी जानकारी प्राप्त कर सकें। इस प्लान में प्रत्येक वन्य क्षेत्र की विशेषता, खुलने का समय, किराया सूची आदि को ध्यान में रखा जाए। डीएफओ को सज्जनगढ़ के घुमावदार रास्तों में लगे कन्वेक्स मिरर (सुरक्षा दर्पण) एक सप्ताह में ठीक करवाने के निर्देश दिए।
सुरक्षा और सुविधाओं पर विशेष जोर-
बैठक में पर्यटन थाना की प्रभावी मॉनिटरिंग और लपकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। जिला कलक्टर ने एक माह के भीतर सभी पर्यटन स्थलों के बाहर आर्टिस्टिक संकेतक लगवाने के भी निर्देश दिए, ताकि पर्यटकों को स्थलों की पहचान करने में आसानी हो। पर्यटन थाना में उपलब्ध स्टाफ के बारे में जानकारी लेते हुए पर्यटन स्थलों पर पर्याप्त स्टाफ तैनात करने के निर्देश दिए। पर्यटन स्थलों पर सुविधाघरों की साफ-सफाई पर विशेष जोर देते हुए जिला कलक्टर ने नगर निगम और यूडीए आयुक्त को सर्वे कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिन पर्यटन स्थलों पर सुविधाघर बने हुए हैं, उनकी नियमित साफ-सफाई सुनिश्चित की जाए और जहां आवश्यक हो तुरंत मरम्मत करवाई जाए।
ऑटो किराया निर्धारण पर विचार-
बैठक में पर्यटन थाना, ऑटो स्टैंड और ऑटो किराया निर्धारण पर चर्चा करते हुए ऑटो किराया निर्धारित करने, ऑटो चालकों की यूनिफॉर्म, नंबर और नेम प्लेट अंकित करवाने का प्रस्ताव रखा गया। इस पर जिला कलक्टर ने ऑटो चालक यूनियन, पर्यटन, प्रशासन, परिवहन अधिकारी और यातायात पुलिस के प्रतिनिधियों को बैठक कर इस दिशा में प्रयास करने के निर्देश दिए।
ये रहे उपस्थित-
बैठक में एडीएम (प्रशासन) दीपेंद्र सिंह राठौड़, नगर निगम आयुक्त रामप्रकाश, यूडीए कमिश्नर राहुल जैन, पर्यटन उपनिदेशक शिखा सक्सेना, जिला परिवहन अधिकारी नितिन बोहरा, डिप्टी एसपी ट्रेफिक अशोक आंजणा, डीएफओ सुनील कुमार सिंह, एसीएफ सुरेखा, यूसीसीआई सीनियर वाइस प्रेसिडेंट मनीष गिलूंडिया, पर्यटन थाना, सिटी पैलेस, विभिन्न होटल व गाइड संघों के प्रतिनिधि, लोककला मंडल, पर्यटन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। सभी ने उदयपुर के पर्यटन विकास के लिए मिलकर कार्य करने की प्रतिबद्धता दोहराई।