उदयपुर में 70 स्थानों पर हुई गोष्ठियां

उदयपुर। उदयपुर जिले में जनजाति गौरव वर्ष कार्यक्रम अंर्तगत जिले की विभिन्न 72 ग्राम पंचायतों में 72 वृहत स्तर पर किसान गोष्ठियां का आयोजन किया गया इसमें 7530 किसानों ने भाग लिया। कृषि विभाग के खण्ड उदयपुर के अतिरिक्त निदेशक निरंजनसिंह राठौड़ ने भगवान बिरसा मुण्डा के व्यक्तित्व के संबंध में जानकारी दी। संयुक्त निदेशक सुधीर वर्मा द्वारा वन्दे मातरम् राष्ट्रीय गीत की व्याख्या करते हुए भगवान बिरसा मुण्डा के जीवन संघर्ष पर प्रकाश डाला। उन्होंने सरकार द्वारा संचालित प्राकृतिक खेती मिशन अन्तर्गत संचालित योजनाओं का लाभ लेकर प्राकृतिक एवं जैविक खेती अपनाने हेतु प्रेरित किया। उन्होने इस अवसर पर उपस्थित किसानों को कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाए यथा फार्मपोण्ड, सिंचाई पाइप लाइन, बूंद-बूंद सिंचाई, फव्वारा सिंचाई, उन्नत कृषि यंत्र, तारबंदी, आदि योजनाओं में अनुदान के प्रावधानो एवं पात्रताओ की चर्चा करते हुए किसानो को इन योजनाओ का लाभ उठाने हेतु प्रेरित किया।इस अवसर पर श्यामलाल सालवी सहायक निदेशक कृषि विस्तार ने किसानों को प्राकृतिक खेती के विभिन्न घटको यथा जीवामृत, पंचामृत, बीजामृत, दसपरणीअर्क, आदि को स्वयं के स्तर पर तैयार कर गौ आधारित खेती अपनाने हेतु जोर दिया।प्राकृतिक खेती मिशन के प्रभारी कृषि अधिकारी शिवदयाल मीणा द्वारा अवगत कराया गया कि आज सम्पूर्ण जिले कि विभिन्न ग्राम पंचायतों में आयोजित हो रहे किसान गोष्ठि कार्यक्रमों मे प्रतिभागी किसानो को भगवान बिरसा मुण्डा की जीवनी से प्रेरित हो कर जल, जमीन और जंगल की सुरक्षा हेतु प्राकृतिक खेती अपनाए जाने के साथ-साथ धरती माता बचाव अभियान के तहत कृषको को जैविक खेती अपनाने तथा संतुलित उर्वरक कम रासयनिक उर्वरक उपयोग तथा मृदा स्वास्थ कार्ड की सिफारिश अनुसार जैव/रासायनिक उर्वरक उपयोग हेतु प्रेरित करने के लिए शपथ भी दिलाई जा रही है।
