शिल्पग्राम में लघु नाटक ‘मरणोपरांत’ का मंचन

उदयपुर, । पश्चिम क्षेत्र सास्कृतिक केंद्र उदयपुर द्वारा विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर गुरूवार को लघु नाटक ‘मरणोपरांत’ का मंचन किया गया। कलाकारों के उम्दा अभिनय ने दर्शकों का दिल जीत लिया।
पश्चिम क्षेत्र सास्कृतिक केंद्र उदयपुर के निदेशक फ़ुरकान खान ने बताया कि विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर गुरूवार को लघु नाटक मौलिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ क्रॉएटिव एंड परफोर्मिंग आर्ट द्वारा ‘मरणोपरांत’ का मंचन शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में किया गया। इस लघु नाटक के लेखक सुरेन्द्र वर्मा तथा निर्देशक शिवराज सोनवाल है। कलाप्रेमियों ने इस नाटक तथा उसके पात्रों द्वारा किए गए अभिनय को सराहा। कार्यक्रम में केन्द्र के उपनिदेशक (कार्यक्रम) पवन अमरावत, सहायक निदेशक (वित्तीय एवं लेखा) दुर्गेश चांदवानी, सी.एल. सालवी, सिद्धांत भटनागर सहित शहर के कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। अंत में सभी कलाकारों का सम्मान किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन केन्द्र के सहायक निदेशक (वित्तीय एवं लेखा) दुर्गेश चांदवानी ने किया।
लघु नाटक के बारे में:
सुरेन्द्र वर्मा के लिखे मरणोपरांत नाटक में कुछ ऐसी बातों का एहसास कराया जो हम जीवन में बोल नहीं पाते कर नहीं पाते हैं। यह नाटक शुरू होता है दुर्घटना में एक महिला की आकस्मिक मौत से। शुरू में दो ऐसे व्यक्तियों के इर्द-गिर्द घूमता है जो एक युवती के मरने के बाद पहली बार मिल रहे हैं। एक व्यक्ति, मृतक युवती का पति है तो दूसरा प्रेमी। पति को युवती मौत के बाद उसके पर्स में मिली एक निशानी से प्रेमी के बारे में पता चलता है वह उसे फोन करके मिलने के लिए बुलाता है। एक पति और एक प्रेमी के द्वंद्व को संवादों के माध्यम से दर्शाया है। पूरे नाटक में स्थितियों-परिस्थितियों का तालमेल ऐसा बन पड़ता है कि दोनों पुरूषों के मन में उस युवती की याद से जुड़े हर रंग ताजा हो जाते हैं। पति को स्वीकार करना पड़ता है कि उसकी पत्नी उससे खुश नहीं थी जिसका एहसास वो पहले भी कर चुका है लेकिन उसके प्रेमी से मिलने के बाद यह बात पुख्ता हो जाती है। अंत में दोनों का अंतरद्वंद्व उन्हें झकझोरता है। पति की भूमिका में अमित व्यास और प्रेमी की भूमिका जतिन भारवानी ने अभिनय किया है।