राज्य सरकार की दूसरी वर्षगांठ: नव उत्थान और अन्नदाताओं के सम्मान पर जोर

जयपुर, । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसान कल्याण के संकल्प को आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार निरंतर अन्नदाताओं के कल्याण और उनके आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कार्यरत है। प्रदेश में किसानों को सशक्त बनाने तथा कृषि क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए व्यापक और दूरदर्शी कदम उठाए गए हैं। किसानों को वित्तीय सहायता, ब्याज मुक्त फसली ऋण, फसल सुरक्षा बीमा, समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद, सिंचाई और बिजली की सुविधा, पशु बीमा, पशुपालकों को आर्थिक मदद और कृषि आधुनिकीकरण की योजनाओं से किसानों की आय में वृद्धि हुई है। खेती के काम में जोखिम कम हुआ है और युवा किसानी के कार्य के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं।
प्रदेश के 76.18 लाख किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ प्रदेश के सभी किसानों तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने निरंतर कार्य कर उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। किसानों की संख्या के आधार पर राजस्थान इस योजना में देश में पाँचवें स्थान पर है। योजना के तहत राज्य के 76.18 लाख किसानों को अब तक 10,432 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की जा चुकी है। किसानों को और अधिक आर्थिक संबल देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा वार्षिक सहायता राशि को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये किया गया है।
किसानों को 44 हजार करोड़ का ब्याजमुक्त ऋण और 6 हजार करोड़ से अधिक के बीमा क्लेम
किसानों की आर्थिक संबंल सुनिश्चित करने के लिए राजस्थान सरकार ने बड़े स्तर पर वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई है। इसके अंतर्गत 44,067 करोड़ रुपये का ब्याजमुक्त अल्पकालीन फसली ऋण वितरित किया गया है, जिससे किसानों को बुवाई और कृषि कार्यों के लिए समय पर पूंजी उपलब्ध हो सकी। इसके साथ ही 356 करोड़ रुपये का दीर्घकालीन सहकारी ऋण रियायती ब्याज दर पर दिया गया है। किसानों को बिजली बिलों से राहत देते हुए 44,558 करोड़ रुपये का अनुदान भी प्रदान किया गया है।
किसानों को प्राकृतिक आपदाओं और फसल खराबे के नुकसान से सुरक्षित रखने के लिए प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया गया है। योजना के अंतर्गत अब तक 6,207 करोड़ रुपये के बीमा क्लेम का भुगतान कर किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की गई है।
समर्थन मूल्य पर फसल खरीद कर 8 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान
किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए राज्य सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बड़े पैमाने पर खरीद की है। 2.66 लाख किसानों से 33.42 लाख मीट्रिक टन गेहूँ की सरकारी खरीद की गई, जिसके साथ 471.16 करोड़ रुपये का बोनस भी प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त 12.60 लाख मीट्रिक टन दालों और तिलहनों की खरीद कर लगभग 5 लाख किसानों को 8,191 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
22 जिलों में किसानों को दिन के समय दो ब्लॉक में बिजली आपूर्ति
कृषि उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदेश में सिंचाई और बिजली सुविधाओं का व्यापक विस्तार किया गया है। 10,418 करोड़ रुपये व्यय कर 84,592 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता विकसित की गई है। किसानों को समय पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए 1.86 लाख नए कृषि विद्युत कनेक्शन जारी किए गए हैं। इसके अतिरिक्त 22 जिलों में किसानों को दिन के समय दो ब्लॉक में बिजली आपूर्ति की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।
पीएम-कुसुम योजना में प्रदेश अव्वल राज्यों में शुमार
स्वच्छ ऊर्जा और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में राजस्थान ने पीएम-कुसुम योजना में राष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन किया है। पीएम-कुसुम बी के अंतर्गत 51,927 सोलर पंप स्थापित किए गए हैं, जिन पर 822 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है। इस योजना के तहत राजस्थान ने देश भर में कुसुम-ए में प्रथम स्थान तथा कुसुम-सी में तृतीय स्थान प्राप्त किया है।
84 हजार से अधिक परिवारों को 634 करोड़ रुपये का ब्याजमुक्त ऋण
कृषि के साथ-साथ पशुपालन को भी किसानों की आय का मजबूत स्रोत बनाने के लिए राज्य सरकार ने अनेक योजनाएँ लागू की हैं। मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत 20.30 लाख पशुओं का बीमा किया गया है। दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना के माध्यम से 5 लाख पशुपालकों को 1,172 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है। वहीं गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत 84,604 परिवारों को 634 करोड़ रुपये का ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराया गया है।
कृषि आधुनिकीकरणः 1.02 लाख कृषि यंत्रों पर 230 करोड़ रुपये का अनुदान
किसानों की आय बढ़ाने, जल संरक्षण और खेती के कार्य को सरल बनाने के उद्देश्य से कृषि आधुनिकीकरण पर राज्य सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया गया है। किसानों को अपने खेतों में सिंचाई के लिए जल संग्रहित करने हेतु डिग्गी एवं फार्म पॉण्ड निर्माण के लिए अनुदान दिया जा रहा है। इसके तहत 43,327 डिग्गी एवं फार्म-पॉन्ड के निर्माण पर 371 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है।
कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए किसानों को 1.02 लाख कृषि यंत्रों की खरीद पर 230 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया गया है। सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली को प्रोत्साहित करते हुए ड्रिप और स्प्रिंकलर प्रणालियों के लिए 2.21 लाख किसानों को 1,018 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई है। इसके अतिरिक्त 29,926 किलोमीटर तारबंदी पर 330 करोड़ रुपये तथा 42.66 लाख वर्गमीटर ग्रीन और शेडनेट हाउस पर 197 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है।
