नन्हें मुन्नों को बताया वन्यजीवों व पर्यावरण का महत्व विविध स्पर्धाएं आयोजित
उदयपुर, 1 अक्टूबर। 70वां वन्यजीव सप्ताह मंगलवार से शुरू हुआ। इसके तहत ग्रीन पीपल सोसायटी, अंकित पब्लिक सीनियर सैकेण्डरी स्कूल तथा आकाशदीप एकेडमी के संयुक्त तत्वावधान में प्रतापनगर स्थित अंकित पब्लिक स्कूल परिसर में विविध कार्यक्रम हुए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. कमलेश शर्मा ने एक कहानी के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रकृति में विद्यमान जीव जंतु और प्राकृतिक दृश्यों को स्वयं के विजन के आधार पर देखने तथा समझने के लिए प्रेरित किया। ग्रीन पीपल सोसायटी के अध्यक्ष सेवानिवृत्ति आईएफएस राहुल भटनागर ने वन्य जीव सप्ताह मनाने के महत्व को विद्यार्थियों के साथ साझा किया। स्कूल के डायरेक्टर प्रदीप सुखवाल ने विद्यार्थियों को वन्य जीव संरक्षण के लिए प्रत्येक व्यक्ति के योगदान से परिचित कराया। ग्रीन पीपल सोसायटी के सदस्य वी एस राणा ने विद्यार्थियों को भोजन श्रृंखला का महत्व समझाते हुए बताया कि भोजन श्रृंखला के एक भी घटक के विलुप्त होने पर पूरी भोजन श्रृंखला पर असर पड़ता है। सेवानिवृत्त उप वन संरक्षक सोहेल मजबूर ने समग्र रूप से पर्यावरण तथा वन्य जीवों को संरक्षित रखने में विद्यार्थियों के योगदान की विस्तृत चर्चा की। प्रारंभ में स्थानीय विद्यालय के डायरेक्टर प्रदीप सुखवाल ने अतिथियों का स्वागत किया।इस अवसर पर सेवानिवृत्त उप वन संरक्षक प्रतापसिंह चुण्डावत, एपीआरओ विनय सोमपुरा सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी और अभिभावक मौजूद रहे।
विजेताओं को किया पुरस्कृत
कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों के लिए चित्रकला, निबंध तथा सामान्य ज्ञान प्रतियोगिताएं हुई। इसके तहतचित्रकला में प्रथम स्थान जानवी सुयल तथा द्वितीय स्थान लक्ष्यराज सिंह देवड़ा ने प्राप्त किया। निबंध में प्रथम लिपिका शर्मा तथा द्वितीय हर्षिता सालवी रहे। सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में चंदा रेबारी, गायत्री मेघवाल, काजल झाला, शैलेश खटीक तथा चंचल मेघवाल विजेता रहे। अतिथियों ने सभी विजेताओं को पुरस्कृत किया।
बच्चों में दिखा उत्साह
कार्यक्रम को लेकर बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा था। कई बच्चों विभिन्न वन्यजीवों यथा टाइगर, हिरण, हाथी, जिराफ, कंगारू आदि की वेशभूषा धारण कर कार्यक्रम में पहुंचे। वन्यजीवों और पर्यावरण के संबंध में जानने के प्रति भी बच्चे काफी उत्सुक नजर आए। आयोजन स्थल पर चित्र प्रदर्शनी तथा वीडियो फिल्म आदि की मदद से भी बच्चों को पर्यावरण से रूबरू कराने का प्रयास किया गया।