उदयपुर में दर्दनाक हादसा: दो चचेरे भाइयों की मौके पर मौत

उदयपुर। उदयपुर जिले में मंगलवार देर रात एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ जिसमें दो चचेरे भाईयों की मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा जयसमंद-सलूंबर-बांसवाड़ा स्टेट मेगा हाईवे पर चाटपुर गांव के पास हुआ, जब एक तेज़ रफ्तार बाइक खड़े ट्रेलर में जा घुसी। ट्रेलर दो दिन से सड़क किनारे खराब खड़ा था, और उस पर किसी भी प्रकार की चेतावनी या संकेतक पट्टियां नहीं लगी थीं।
मृतकों की पहचान दुर्गेश मीणा (20), निवासी बस्सी जोयरा और दिनेश मीणा (19), निवासी खेराड़, के रूप में हुई है। दोनों युवक मंगलवार रात बाइक से जयसमंद की ओर जा रहे थे।
स्थानीय चश्मदीदों और पुलिस के अनुसार, रात करीब 10 बजे तेज गति से आती बाइक अंधेरे में खड़े ट्रेलर से टकरा गई। ट्रेलर में मार्बल पत्थर लदा हुआ था और यह बीते दो दिनों से सड़क पर खराब हालत में खड़ा था।
चौंकाने वाली बात यह रही कि ट्रेलर पर न तो कोई रेडियम पट्टी, न इंडिकेटर, और न ही कोई चेतावनी संकेत लगे हुए थे। ग्रामीणों का मानना है कि सामने से आने वाले किसी वाहन की हेडलाइट बाइक सवार युवकों की आंखों पर पड़ी, जिससे वे ट्रेलर को देख नहीं सके और यह भयावह टक्कर हो गई।
स्थानीय आक्रोश : डेढ़ घंटे तक शव नहीं उठाने दिया
घटना की सूचना मिलते ही जयसमंद और सलूंबर पुलिस मौके पर पहुंची। वहीं, क्षेत्रीय ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया और करीब 200-250 लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। ग्रामीणों ने ट्रेलर चालक पर लापरवाही का आरोप लगाया और ट्रेलर मालिक को मौके पर बुलाने की मांग करते हुए करीब डेढ़ घंटे तक शव को नहीं उठाने दिया।
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि सड़क पर इस तरह की लापरवाही पहले भी देखी गई है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। ऐसे में हादसों की पुनरावृत्ति से वे आक्रोशित थे।
प्रशासनिक प्रयास और समझाइश
घटना की गंभीरता को देखते हुए सलूंबर थाना प्रभारी मनीष कुमार, बस्सी और वीरपुरा के सरपंच सहित कई जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचे और गुस्साए लोगों को शांत करने का प्रयास किया। इसके बावजूद लोग प्रदर्शन पर डटे रहे।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सलूंबर के डिप्टी हेरंब जोशी जाब्ते के साथ पहुंचे और पीड़ित परिवारों को चालक के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया। साथ ही, ट्रेलर मालिक से बुधवार को वार्ता करने का वादा किया। इन आश्वासनों के बाद रात करीब 11 बजे लोग शव उठाने को राज़ी हुए।
पुलिस ने दोनों शवों को सलूंबर हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाया। बुधवार को दोनों का पोस्टमार्टम किया जाएगा और परिजनों की रिपोर्ट पर चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
गांव में मातम, भविष्य में समाधान की दरकार
दुर्गेश और दिनेश की मौत से उनके गांवों में शोक की लहर दौड़ गई है। दोनों युवकों को लोग मिलनसार और मेहनती बताते हैं। खासकर दुर्गेश, जो एक आईटीआई कोर्स कर रहा था, अपने परिवार की बड़ी उम्मीद था।
इस दर्दनाक घटना ने यह सवाल खड़ा किया है कि जब सड़कें चौड़ी हो रही हैं, ट्रैफिक तेज हो रहा है, तो सुरक्षा मानकों पर इतनी ढिलाई क्यों है? यदि समय रहते खराब खड़े ट्रेलर को हटा लिया जाता या उचित संकेतक लगाए जाते, तो शायद ये दो जिंदगियां बचाई जा सकती थीं।