धन, स्वजन व शरीर पर किया गया विश्वास आखिर में विश्वास पर खरा नहीं उतरता : आचार्य

उदयपुर । श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के तत्वावधान में तपोगच्छ की उद्गम स्थली आयड़ तीर्थ में शनिवार को तपस्वीरत्न आचार्य भगवंत पद्म भूषण रत्न सुरिश्वर महाराज, साध्वी भगवंत कीर्तिरेखा महाराज आदि ठाणा की निश्रा में आयड़ तीर्थ के आत्म वल्लभ सभागार में सुबह 7 बजे आरती, मंगल दीपक, सुबह सर्व औषधी से महाअभिषेक एवं अष्ट प्रकार की पूजा-अर्चना की गई।
महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि आयड़ तीर्थ में संतों के सान्निध्य में प्रात:कालीन वेला में गिरनार महातीर्थ, श्री अष्टपद महातीर्थ, सूरिमंत्र महापद, श्री वर्धमान विद्यापट, श्री ऋषिमण्डल महायंत्र, श्री विजयपताका यंत्र महामंत्र आदि का मंगल मन्त्रोचारण के साथ प्रतिष्ठा सम्पन्न कराई। इस अवसर पर आयोजित धर्मसभा में आचार्य भगवंत पद्म भूषण रत्न सुरिश्वर महाराज ने कहा कि जगत में परमात्मा वास्तविक शरण प्रदान करने वाला है। दुनिया में व्यक्ति को अनेक चीजों पर विश्वास है पर वे सब कभी भी धोखा दे सकती है। धन, स्वजन व शरीर पर किया गया विश्वास आखिर में विश्वास पर खरा नहीं उतर सकता अत: देव गुरु एवं प्रभु प्रारूपित धर्म पर विश्वास जगाना आवश्यक है। पर लोक के मार्ग में हमारे साथ धन, परार्थ, ऐश्वर्य न आते है। इस भव में उपार्जित शुभ-अशुभ संस्कार साथ आते है। इस अवसर पर चौमुखा पाश्र्वनाथ भगवान की चल प्रतिष्ठा सम्पन्न करवाई गई। पट प्रतिष्ठा के लाभार्थी सभी परिवाजनों का श्री जैन श्वेताम्बर महासभा द्वारा बहुमान किया गया। आज आध्यात्मिक ज्ञान शिविर के अंतिम दिन बच्चों को रिजल्ट एवं प्रमाण पत्र प्रदान की गया। दोपहर में शांति स्नात्र पूजा एवं आदिनाथ जिन मंदिर परिसर में पूजा का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर कुलदीप नाहर, सतीश कच्छारा, राजेन्द्र जवेरिया, चतर पामेचा, राजेश जावरिया, चन्द्र सिंह बोल्या, दिनेश भण्डारी, अशोक जैन, दिनेश बापना, कुलदीप मेहता, नरेन्द्र शाह, चिमनलाल गांधी, गोवर्धन सिंह बोल्या आदि मौजूद रहे।