सितंबर महीने में इन तिथियों पर न करें कोई शुभ काम
सितंबर के महीने में तीन बड़े ग्रह राशि परिवर्तन करेंगे। इससे राशि चक्र की सभी राशियों पर भाव अनुसार प्रभाव पड़ेगा। इनमें कई राशि के जातकों को शुभ फल प्राप्त होगा। इस महीने में ही पितृ पक्ष है। आसान शब्दों में कहें तो इस महीने में ही पितरों का आगमन धरती पर होगा। इस दौरान शुभ कार्य करने की मनाही होती है। वहीं, पितरों का तर्पण एवं पिंडदान किया जाता है। पंडित हर्षित शर्मा जी की मानें तो भद्रा विष्टि करण के समय भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। आइए, सितंबर महीने में भद्रा विष्टि करण की तिथियां और समय जानते हैं।
भद्रा विष्टि करण सितंबर 2024
01 सितंबर को विष्टि करण समय देर रात 03 बजकर 44 मिनट से लेकर 1 सितंबर को संध्याकाल 04 बजकर 30 मिनट तक है।
07 सितंबर को विष्टि करण समय देर रात 11 बजकर 45 मिनट से 07 सितंबर को सुबह 05 बजकर 36 मिनट तक है।
10 सितंबर को भद्रा विष्टि करण का योग है। 10 सितंबर को देर रात 11 बजकर 10 मिनट से 01 सितंबर को सुबह 11 बजकर 38 मिनट तक है।
14 सितंबर को भद्रा विष्टि करण का योग सुबह 09 बजकर 45 मिनट से है। इस योग का समापन रात 08 बजकर 45 मिनट पर होगा।
17 सितंबर को भद्रा विष्टि करण का योग सुबह 11 बजकर 42 मिनट से है। इस योग का समापन रात 09 बजकर 45 मिनट पर होगा।
20 सितंबर को भद्रा विष्टि करण का योग सुबह 10 बजकर 50 मिनट से है। इस योग का समापन रात 09 बजकर 20 मिनट पर होगा।
23 सितंबर को भद्रा विष्टि करण का योग दोपहर 01 बजकर 50 मिनट से है। इस योग का समापन 24 सितंबर को देर रात 01 बजकर 13 मिनट पर होगा।
27 सितंबर को भद्रा विष्टि करण का योग देर रात 12 बजकर 48 मिनट से है। इस योग का समापन 27 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 21 मिनट पर होगा।राशिफलr