प्रस्फुटन .....

प्रस्फुटन .....
X

“प्रस्फुटन ही जीवन है...

वृक्ष सदैव प्रसन्न रहता है,

भले ही शाख से फूल झड़े या पत्ते,

खुश रहना स्वभाव है उसका

वह तो सदैव नए फूलों और पत्तों के नवीन निर्माण में व्यस्त रहता है।

भले ही जीवन में कोई भी दुःख, तक़लीफ़ हो,

हम बेहतर के लिए अब क्या प्रयास कर सकते हैं ?

विकास के लिए किया प्रत्येक कार्य प्रस्फुटन ही तो है मेरे दोस्त...

और, यही तो जीवन है...

प्रस्फुटन ही जीवन है...”

-सौरभ की कलम से

Next Story