शिक्षक कई वर्षों से दफ्तरों में कर रहे बाबूगिरी

शक्करगढ़ (सांवरिया सालवी)। शिक्षक का पद ही शिक्षा को समर्पित है और सरकार हर माह पगार भी पढ़ाने की ही देती है लेकिन कई शिक्षक ऐसे हैं जिन्हें स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए चौक, डस्टर थामना रास नहीं आता और वह कई सालो से स्कूल छोड़कर कार्यालयों में बाबूगिरी कर रहे हैं। निर्वाचन ड्यूटी के नाम पर ने कार्यालयों में डटे हैं और स्कूल न जाने से परहेज किए हुए हैं। विभागीय अधिकारियों के निरीक्षण में भी समय-समय पर ऐसे शिक्षक सामने आते रहे हैं लेकिन प्रभावी कार्रवाई न होने से जमे हुए है।

जहाजपुर उपखंड की ही बात करें तो तहसील कार्यालय, एसडीएम कार्यालय से लेकर बीईओ कार्यालयों में शिक्षक बाबूगिरी कर रहे हैं, जबकि इनकी पगार मूल पदस्थी वाले स्कूल से ही निकाली जा रही है। निर्वाचन ड्यूटी हफ्ते महीने की तो समझ आती है कभी एसडीएम कार्यालय में निर्वाचन ड्यूटी के नाम पर आसंजित बने हुए हैं। हाल ही में मुख्य सचिव के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग ने डेपुटेशन खत्म कर दिए लेकिन कई राजनीतिक रसूखदारों की वजह से डेपुटेशन पर लगे हुए हे सम्बंधित कुछ विधालयो के शिक्षको ने नाम नही छापने की शर्त पर बताया की ये आदेश जिला शिक्षा अधिकारी शाहपुरा के माध्यम से आते है हमे उनकी पालना करनी पड़ती है।

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