नृत्यांगना हिमांशी ने बिखेरा कलां का अद्वितीय सांस्कृतिक रंग

बनेड़ा हेमराज तेली कस्बे के पीएमश्री अक्षय स्मारक विद्यालय में स्पिक मैके भीलवाड़ा चैप्टर के तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला प्रदर्शन श्रृंखला में प्रख्यात कुचिपुड़ी नृत्यांगना हिमांशी कतरगड्डा ने अपनी कलां का अद्वितीय सांस्कृतिक रंग बिखेरा गया। हिमांशी ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत श्रीराम स्तुति के साथ की गई। इसके माध्यम से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन वृतांत को दर्शकों के सामने जीवंत कर दिया। इसके पश्चात श्री कृष्णा भगवान के गोवर्धन पर्वत को उंगली पर धारण करने के कथानक को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया। अंत में कुचिपुड़ी नृत्य में होने वाले थाली नृत्य तरंगम में दुर्गा स्तुति से समापन किया गया। हिमांशी ने बच्चों को कुचिपुड़ी के तकनीकी पहलुओं और इसके सांस्कृतिक महत्व के बारे में भी बताया। विद्यालय के कार्यवाहक प्रधानाचार्य इमरान अंसारी ने बताया कि इस कार्यक्रम से विद्यार्थियों को भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य के अद्भुत संगम को करीब से देखने और समझने का अवसर मिला। यह आयोजन भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का अद्वितीय प्रयास है। ऐसे आयोजन न केवल हमारे बच्चों को कलां से जोड़ते है, बल्कि उनमें आत्मविश्वास और रचनात्मकता का संचार भी करते है। स्पिक मैके के नेशनल एग्जीक्यूटिव कैलाश पालिया ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य भारतीय कलां और संस्कृति को जीवंत रखना है। कार्यक्रम के समापन पर विद्यालय परिवार द्वारा कलाकार को सम्मानित किया गया और शाहपुरा की प्रसिद्ध फड़ चित्रकारी स्मृति स्वरूप भेंट की गई।

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